पाकिस्तान में पत्रकारों की बेइज्जती इमरान के गुर्गों ने पत्रकार को नंगा कर वीडियो बनाया

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पेशावर. पाकिस्तान की मौजूदा सरकार किसी की कुछ सुनने को तैयार नहीं। खासकर अपनी विफलता जगजाहिर करने वालों पर वह भ़ड़क उठती है। एक पत्रकार ने ऐसी ही गलती कर दी। बौखलाए प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के लोगों ने उसे अगवा कर लिया और उसे पार्टी कार्यालय में ले जाकर खूब यातनाएं दी। इसके बाद चेतावनी देकर उसे छोड़ दिया।

जान बची लाखों पाए…। उसने एक बार तो पत्रकारिता से ही तौबा करने की सोच ली, बाद में जमीर की पुकार पर उसने उनकी क्रूरता को जगजाहिर करने का फैसला किया। बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार और इमरान खान पर गंभीर आरोप लगाए। पीड़ित पत्रकार का नाम सैफुल्लाह जान है और वो चरसड्डा प्रेस क्लब की गवर्निंग बॉडी के सदस्य हैं।
उसने बताया कि कहा कि उन्हें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं ने हथियार के बल पर पहले अगवा किया और चरसड्डा बाजार में स्थित पीटीआई (PTI) के कार्यालय में लेकर गए। किसी खबर को लेकर खूब पिटई की। गालियां बकते रहे। इसमें मुख्य रूप से अब्दुल्लाह, उनके भाई फहीम, जकात कमेटी के चेयरमैन इफ्तिखार और अन्य लोग शामिल थे। बात यहीं नहीं रुकी। उन्होंने मुझे नंगा कर दिया और जमकर टॉर्चर किया। पूरे घटना का वीडियो भी बनाया।

इस बीच किसी तरह इसकी जानकारी स्थानीय लोगों को लग गई। उन्होंने दबाव बनाया तो मेरी जान बची। घटना की जानकारी मैंने पुलिस को दी, तो वह कार्रवाई में जान-बूझकरदेरी करती रही। न उपयुक्त धाराओं में केस दर्ज किया और न ही खास सक्रियता दिखाई। पिटाई की वजह से पैर फ्रैक्चर हो गया। पुलिस ने प्रत्यक्ष देखने के बाद भी एफआईआर में लिखा है कि मामूली चोटें आई हैं। मुख्य अभियुक्त इफ्तिखार का नाम भी एफआईआर में नहीं लिखा। पेशावर हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस ने उन्हें मुख्य आरोपी नहीं बनाया और स्थानीय कोर्ट ने इफ्तिखार को जमानत दे दी। मामले की न्यायिक जांच की जाए। मुझे न्याय दिया जाए, नहीं तो कोई भी पत्रकार फत्रकारिता में आने से पहले दस बार सोचेगा।

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