दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर सऊदी अरब पर पहुंचेंगे। आपको बता दें कि पीएम मोदी की सऊदी अरब की यह तीसरी और उनके तीसरे कार्यकाल में पहली यात्रा है। पीएम मोदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के नियमंत्रण पर सऊदी अरब जा रहे हैं।

पीएम मोदी 22 अप्रैल को सऊदी के जेद्दाह शहर पहुंचेंगे। इसके बाद क्राउन प्रिंस से मुलाकात करेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों नेताओं के बीच योग, मीडिया, मनोरंजन और खेल को लेकर MoU साइन हो सकते हैं।

इसके बाद कल यानी 23 अप्रैल को मोदी सऊदी की एक फैक्ट्री में भारतीय मजदूरों से मिलेंगे। आपको बता दें कि मिडिल ईस्ट में कुल 92 लाख भारतीय काम करते हैं, जिनमें करीब 27 लाख सऊदी में काम करते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों नेताओं के बीच निम्नलिखित मुद्दों पर बातचीत हो सकती है।

मिडिल ईस्ट में जारी संघर्ष- PM मोदी और MBS के बीच इजरायल और फिलिस्तीन में जारी संघर्ष और रेड सी में जहाजों पर हौथी विद्रोहियों के हमले पर बातचीत हो सकती है।

सऊदी की जेलों में बंद भारतीय नागरिक- सरकार के मुताबिक वर्तमान में 10,000 से ज्यादा भारतीय विदेशी जेलों में बंद हैं। सबसे ज्यादा 2633 भारतीय सऊदी अरब में कैद हैं, जबकि दूसरे नंबर पर 2518 भारतीय UAE में बंद हैं।

रक्षा सहयोग और ऊर्जा सुरक्षा- सऊदी अरब भारत का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल और LPG आपूर्तिकर्ता है। अप्रैल 2016 में मोदी की रियाद यात्रा से राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा और रक्षा मामलों में आपसी सहयोग बढ़ा है। मोदी की इस यात्रा से इसमें और तेजी आ सकती है।

IMEEC यानी इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर- मुंबई से शुरू होने वाला यह कॉरिडोर कॉरिडोर 6 हजार किमी लंबा होगा। इसमें 3500 किमी समुद्र मार्ग शामिल है। कॉरिडोर के बनने के बाद भारत से यूरोप तक सामान पहुंचाने में करीब 40% समय की बचत होगी। हालांकि मिडिल ईस्ट में तनाव की वजह यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट- प्रिंस सलमान की पिछली भारत यात्रा पर दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बात हुई थी। मोदी की इस यात्रा में भी इस मुद्दे पर प्रमुखता से बात हो सकती है। साल 2023-24 में भारत ने सऊदी को करीब 1 लाख करोड़ रुपए का प्रोडक्ट इंपोर्ट किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह तीसरी सऊदी यात्रा है। इससे पहले वो 2016 और 2019 में सऊदी गए थे,  जबकि MBS अब तक 2019 और 2023 में भारत दौरे पर आ चुके हैं। MBS का 2022 में भारत आने का प्लान था, लेकिन बिजी शेड्यूल की वजह से यह दौरा टल गया था।

दोनों देशों के बीच 1947 डिप्लोमैटिक रिलेशन हैं, इन्हें 2010 में स्ट्रैटेजिक रिलेशन में बदल दिया गया था। 2024 की शुरुआत से अब तक भारत की ओर से सऊदी अरब की 11 मंत्री स्तरीय यात्राएं हो चुकी हैं। जबकि सऊदी अरब के विदेश मंत्री और उद्योग एवं खनिज संसाधन मंत्री क्रमशः नवंबर 2024 और फरवरी 2025 में भारत दौरे पर आए थे।

सऊदी अरब भारत का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 43 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।

सऊदी अरब भारत का तीसरा सबसे बड़ा क्रूड ऑयल और LPG सप्लायर भी है। 2023-24 में सऊदी ने भारत को 33.35 मिलियन मीट्रिक टन क्रूड ऑयल और भारत के LPG इंपोर्ट का 18.2% दिया था।

भारत के खाड़ी सहयोग परिषद से भी काफी अच्छे रिश्ते हैं। इसका मुख्यालय सऊदी का राजधानी रियाद में है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सितंबर 2024 में पहली भारत-GCC मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता की, जिससे रीजनल डिप्लोमैटिक संबंधों को मजबूती मिली थी।

खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) खाड़ी देशों का एक संगठन है। इसमें बहरीन, कुवैत, कतर, ओमान, सऊदी अरब, और संयुक्त अरब अमीरात शामिल है। साल 2022-23 में भारत का GCC देशों के साथ 161.59 अरब डॉलर रहा से ज्यादा का कारोबार हुआ है।

 

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