वाशिंगटनः अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों के खिलाफ लोग सकड़कों पर उतर आए हैं। हजारों लोगों ने शनिवार को ट्रम्प के खिलाफ प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन सभी 50 राज्यों में हुए। ट्रम्प की टैरिफ वॉर की नीतियों, सरकारी नौकरियों में छंटनी का विरोध में प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस का घेराव किया।
प्रदर्शनकारियों ने ट्रम्प पर नागरिक और कानून के शासन को कुचलने का आरोप लगाया। इस आंदोलन को 50501 नाम दिया गया है, जिसका मतलब ’50 विरोध प्रदर्शन, 50 राज्य, एक आंदोलन’ है।
व्हाइट हाउस के अलावा प्रदर्शनकारियों ने टेस्ला के शोरूमों का भी घेराव किया। आपको बता दें कि ट्रम्प के खिलाफ प्रदर्शनों का यह दूसरा दौर है। इससे पहले 05 अप्रैल को ट्रम्प के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन हुए थे।
फ्लोरिडा में टेस्ला शोरूम के बाहर विरोध जताती महिला प्रदर्शनकारी। पोस्टर पर लिखा- न कोई राजा है, न कोई कुलीन है, अपना टैक्स चुकाएं।
राजधानी वॉशिंगटन डीसी समेत सभी राज्यों में हुए प्रदर्शन की बड़ी वजह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और कारोबारी इलॉन मस्क की आक्रामक नीतियां हैं। आपको बता दें कि प्रसिद्ध उद्यमी एलन मस्क का दक्षता विभाग लगातार सरकारी विभागों में छंटनी कर रहा है।
यहां अब तक हजारों सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है। दूसरी तरफ डोनाल्ड ट्रम्प की अप्रवासियों पर कार्रवाई और दूसरे देशों पर टैरिफ लगाने की सख्त पॉलिसी भी इन प्रदर्शनों की एक बड़ी वजह है।
ट्रम्प के टैरिफ वॉर से अमेरिका में दूसरे देशों से आने वाली चीजों के दाम बढ़े हैं। इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ रहा है। न्यूयॉर्क में हजारों लोगों ने ट्रम्प के विरोध में रैलियां निकालीं।
अमेरिका की सर्वे एजेंसी गैलप के मुताबिक 45 प्रतिशत अमेरिकी वोटर्स ट्रम्प के पहले 03 महीने के कामकाज से खुश हैं, जबकि ट्रम्प के पहले कार्यकाल के शुरुआती 03 महीनों में 41% वोटर्स ही उनके कामकाज से संतुष्ट थे।
आपको बता दें कि अमेरिका के अन्य राष्ट्रपतियों की तुलना में यह रेटिंग बेहद कम है। 1952 से 2020 के बीच सभी राष्ट्रपतियों की पहली तिमाही की औसत रेटिंग 60% है। इसकी तुलना में ट्रम्प की रेटिंग कम दिख रही है। एजेंसी के मुताबिक ट्रम्प के पदभार संभालने के वक्त उनकी रेटिंग 47% थी। इसमें भी गिरावट दर्ज हुई है।