अमेरिका में अश्वेत नागरिक जार्ज फ्लायड की मौत के बाद भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। हिंसक प्रदर्शनों की आग अमेरिका के 140 शहरों तक पहुंच गई है। अमेरिका में पिछले कई दशकों में सबसे खराब नागरिक अशांति माना जा रहा है। हालात बिगड़ते देख ट्रंप प्रशासन ने देश के 24 राज्यों में नेशनल गार्ड के करीब 17,000 सैनिकों की तैनाती कर दी है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने हिंसक प्रदर्शनों को घरेलू आतंकवाद करार दिया है।
व्हाइट हाउस ने कहा है कि हिंसा, लूट, अराजकता और अव्यवस्था को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वाइट हाउस की प्रेस सचिव कैली मैकनैनी ने सोमवार को कहा कि ‘राष्ट्रपति ने साफ कर दिया है कि हम अमेरिका की सड़कों पर जो देख रहे हैं, वह मंजूर नहीं है। ये प्रदर्शन नहीं हैं और न ही अभिव्यक्ति हैं। ये महज अपराध हैं जो बेकसूर अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।’ न्यू यॉर्क से लेकर दक्षिण में ऑस्टिन तक और पूर्व में वॉशिंगटन डीसी से लेकर पश्चिम में लॉस एंजिलिस तक कई प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है। उन्होंने बताया कि 24 राज्यों में नेशनल गार्ड के लगभग 17,000 सैनिकों की तैनाती की गई है। ‘कुल 3,50,000 नेशनल गार्ड उपलब्ध हैं और अराजकता के खिलाफ और कदम उठाए जाएंगे। देशभर के गवर्नरों को कार्रवाई करनी होगी। उन्हें नेशनल गार्ड की तैनाती करनी होगी क्योंकि यह अमेरिकी समुदायों को बचाने के लिए जरूरी है।’ राष्ट्रपति ने कहा कि अगर राज्यों के गवर्नर हिंसक प्रदर्शनकारियों को काबू करने में नेशनल गार्ड का इस्तेमाल नहीं करते हैं और शांति कायम रखने में असफल रहते हैं, तो वह सड़कों पर सेना की तैनाती का आदेश देंगे।
अपना मुंह बंद रखें ट्रम्पः पुलिस प्रमुख
इस बीच ह्यूस्टन के पुलिस चीफ ने राष्ट्रपति ट्रंप से अपना मुंह बंद रखने के लिए कहा है। ह्यूस्टन के पुलिस चीफ ने कहा कि यदि आपके पास इस मुद्दे से निपटने का कोई अच्छा सुझाव नहीं है, तो कृपया अपना मुंह बंद रखें। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि आप लोगों को खतरे में डाल रहे हैं। यह समय लोगों का दिल जीतने का है न कि उन्हें धमकी देने का। पूरे देश में पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं, लोग जख्मी हुए हैं। लेकिन नेतृत्व हमें दुखी कर रहा है। अगर कुछ अच्छा बोलने के लिए नहीं है तो कृपया अपना मुंह बंद रखिए। आप एक राष्ट्रपति हैं और उस हिसाब से फैसले लीजिए। यह वास्तविक जीवन है और यह खतरे में है।