संवाददाताः संतोष कुमार दुबे
दिल्लीः बीजेपी के दिल्ली प्रदेश के अध्य़क्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया है कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के सौंदर्यीकरण में 75 से 80 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। उन्होंने केजरीवाल के सरकारी बंगले के सौंदर्यीकरण पर हुए खर्च को सीएजी यानी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सीएजी की रिपोर्ट से पता चला है कि केजरीवाल ने बेशर्मी से अपने बंगले के सौंदर्यीकरण को आपातकालीन आवश्यकता घोषित कर दिया।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि सभी नियमों की अनदेखी करते हुए केजरीवाल और अधिकारियों ने इसकी लागत 7.91 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 8.62 करोड़ रुपये कर दी और बाद में इसे 342 प्रतिशत बढ़ाकर 33.66 करोड़ रुपये कर दिया।
उन्होंने कहा कि 33.66 करोड़ रुपये का खर्च सिर्फ एक आंकड़ा है और वास्तविक लागत अज्ञात है। सटीक आंकड़ा प्राप्त करने के लिए केजरीवाल के बंगले के लिए बनाई गई सूची को शामिल किया जाना चाहिए, जिसे कभी सीएजी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि बंगले में अतिरिक्त निर्माण और बदलाव के लिए शुरुआती अनुमान 7.91 करोड़ रुपये खर्च होने का था। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने बेवजह इसे आपातकालीन परियोजना घोषित कर दिया और 01 सितंबर, 2020 को कार्य आदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि उस समय हम सभी लोग कोविड-19 के प्रभाव से जूझ रहे थे और रोजगार ठप था।
बीजेपी नेता ने कहा कि 29 जून, 2022 को, सभी नियमों और विनियमों की अवहेलना करते हुए, अतिरिक्त सौंदर्यीकरण की आड़ में सजावटी कार्यों के लिए एक कार्य आदेश जारी किया गया, जिससे प्रारंभिक अनुमानित लागत 7.91 करोड़ रुपये से बढ़कर 9.34 करोड़ रुपये कर दी गई।
सचदेवा ने कहा कि प्रारंभिक कार्य आदेशों के बाद बिना किसी औचित्य के मुख्यमंत्री के शीश महल बंगले की लागत 33.71 करोड़ रुपये तक बढ़ गई। उन्होंने बताया कि सीएजी की रिपोर्ट में पृष्ठ संख्या 127 से परियोजना सलाहकारों की नियुक्ति, परियोजना लागत के निर्धारण और किश्तों में वृद्धि के बारे में सवाल उठाया गया है। सीएजी की रिपोर्ट में मुख्यमंत्री के आवास के वर्गीकरण, उसके बाद की श्रेणी में वृद्धि, आपातकालीन आवश्यकता के रूप में घोषणा और कार्य को स्थायी या अस्थायी के रूप में नामित करने पर विशेष रूप से आपत्ति जताई गई है। इसमें स्टाफ ब्लॉक और सर्वेंट क्वार्टर के निर्माण में विसंगतियों को भी उजागर किया गया है। इसके अतिरिक्त, सीएजी की रिपोर्ट की पृष्ठ संख्या 139 पर दिल्ली शहरी कला आयोग (डीयूएसी) और दिल्ली नगर निगम की मंजूरी के बिना इस बंगले के निर्माण के बारे में चिंता जताई है।
सचदेवा ने बताया कि इस बंगले की वास्तविक लागत का सही अनुमान लगाने के लिए विभिन्न विभागों के खातों की जांच करना और 11 अक्टूबर 2024 को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा तैयार की गई सूची को शामिल करना आवश्यक है। इससे पता चलेगा कि श्री केजरीवाल के शीश महल का निर्माण और सजावट अवैध रूप से लगभग 75 से 80 करोड़ रुपये की लागत से की गई थी।
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है, “शीश महल बंगले पर जिस CAG रिपोर्ट का बार-बार हवाला दिया जा रहा है, उसमें 33 करोड़ 66 लाख रुपये के खर्च का उल्लेख है, क्योंकि यह रिपोर्ट 2022 तक के खर्चों को दर्शाती है। 11 अक्टूबर 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, PWD ने कई सामानों के गायब होने की बात कही है, जिसका खर्च जोड़ने पर इस बंगले की लागत 75-80 करोड़ रुपये तक पहुंचती है।
उन्होंने लिखा, “CAG की रिपोर्ट में केजरीवाल के काले कारनामों और उनकी कुटिल सोच की झलक दिखाई देती है, जिसमें इस आवास को मुख्यमंत्री के निवास के रूप में अधिकृत करने का आधार, DUAC और दिल्ली नगर निगम की स्वीकृति के बिना इस बंगले का निर्माण कैसे किया गया, इन सभी पर सीएजी की रिपोर्ट की पृष्ठ संख्या 139 सवाल खड़े किए गए हैं. जो मुख्यमंत्री बिना उचित अनुमति के शीश महल जैसा आवास बनवा सकता है, वह दिल्ली की जनता को क्या संदेश देना चाहता है? दिल्ली की जनता अब कह रही है, AAP-दा को नहीं सहेंगे, बदलकर रहेंगे।”