संवाददाताः संतोष कुमार दुबे
दिल्लीः दिल्ली प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि हार से आशंकित आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी की ओर से दवाब बनाए जाने की वजह से पुजारियों और ग्रंथियों को लेकर योजना की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ऐसे हताश सुल्तान हैं, जो रोज नई लोक लुभवनी घोषणाएं कर रहा है, ताकि किसी तरह सत्ता में बने रह सके।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल दिल्ली में जहां भी जाते हैं, लोग उनसे ठप्प पड़े विकास कार्यों, शीशमहल के निर्माण, एक पर एक मुफ्त में बांटी गईं शराब बोतलों को लेकर सवाल पूछते हैं। इसके साथ ही लोग उनसे उन 62 मौतों पर भी जवाब मांगते हैं, जो इस वर्ष मानसून में जलजमाव में डूबने और बिजली करंट लगने से हुई हैं। इस वजह से केजरीवाल अब सपनों के सौदागर बन कर घूम रहे हैं और फिर से आम आदमी को ठगना चाह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल अब जितनी भी घोषणाएं कर लें, दिल्ली के लोग उन पर यकीन नही करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि महिला सम्मान छलावे के बाद अब केजरीवाल ने पुजारी- ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा की है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली बीजेपी का पुजारी प्रकोष्ठ लम्बे समय से पुजारियों के लिए भी वेतन- भत्ते की मांग करता है, हमने अनेक बार धरने प्रदर्शन किये और केजरीवाल सरकार पर पुजारियों और ग्रंथियों के लिए वेतन देने का दबाव बनाया।
सचदेवा ने कहा कि दिल्ली बीजेपी और इसके पुजारी प्रकोष्ठ के लगभग 02 साल से अधिक समय से चल रहे आंदोलन के कारण केजरीवाल को पुजारी- ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा करनी पड़ी है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल दिल्ली में मौलवियों को वेतन- भत्ता दे रहे हैं और बीजेपी के विरोध और अधिवक्ता रुकमणई सिंह की ओर से दिल्ली उच्च न्यायालय में लगाई गई याचिका के कारण उनको समझ में आ गया है कि पुजारियों और ग्रंथियों को लेकर कोई घोषणा नहीं करेंगे, तो मौलवियों का वेतन- भत्ता बंद करना पड़ेगा।
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली की महिलाएं हों, पुजारी एवं ग्रंथी हों सबके पास आज अरविंद से एक सवाल है कि क्या आपकी पंजाब की सरकार ऐसा कोई वेतन भत्ता दे रही है।
इस दौरान अधिवक्ता रूकमणी सिंह ने बताया कि दिल्ली सरकार ने कोर्ट में स्वीकार किया है कि उसने 1100 से अधिक मौलवी और उनके सहायकों को 58 करोड़ रुपए से अधिक वेतन- भत्ते में दिए हैं और अब उनको कोर्ट मे॔ धर्म आधार पर हो रहे इस बंदर बाट पर जवाब देते नही बन रहा है। उन्होंने कहा कि 21 जनवरी की उन्हे कोर्ट में इस संबंध में लिखित जवाब देना है, जिसके कारण उन्होंने ये घोषणा की है।