संवाददाता: संतोष कुमार दुब
दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली प्रान्त की ओर से राष्ट्रीय राजधानी के शाहदरा के शंकर नगर स्थित आरए गीता विद्यालय शुक्रवार को संघ शिक्ष वर्ग (सामान्य) का समापन हो गया।

15 दिनों तक चले इस कार्यक्रम के समापन के मौके पर स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संगठक सतीश कुमार जी मुख्य वक्ता और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी एवं तिहाड़ केंद्रीय कारागार के पूर्व महानिदेशक संजय बैनीवाल मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली प्रान्त संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल और  संघ शिक्षा वर्ग के सर्वाधिकारी वीरेन्द्र नागपाल भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री सतीश कुमार ने समाज परिवर्तन हेतु समाज एवं स्वयंसेवकों से अपने जीवन में पंच परिवर्तन अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने  कहा कि पंच परिवर्तन के अंतर्गत हम सब अपने दैनिक जीवन में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली, नागरिक कर्तव्य पालन एवं स्वदेशी को अपनाएं।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को समाज में सहज सेवा भाव रखना चाहिए। उन्होंने सकारात्मक, सजग एवं सक्रिय समाज के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया। श्री संजय बैनीवाल ने भी लोगों को संबोधित किया।

संघ का ध्येय भारत को परम वैभव पर ले जाना है। इस कार्य को करने की दृष्टि से सुयोग्य कार्यकर्ताओं के निर्माण हेतु संघ शिक्षा वर्गों का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष दिल्ली प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग (सामान्य) आर ए गीता विद्यालय, शंकर नगर, शाहदरा में गुरुवार 6 जून 2024 से प्रारंभ हुआ और शुक्रवार 22 जून 2024 को प्रातः संपन्न हुआ।

इस संघ शिक्षा वर्ग में 18 से 40 वर्ष की आयु के कुल 275 शिक्षार्थी भाग लिये, जिसमें दिल्ली से 270 शिक्षार्थी तथा अन्य प्रांत से 5 शिक्षार्थी हैं। इन 275 शिक्षार्थियों में से 202 विद्यार्थी तथा 73 कर्मचारी एवं व्यवसायी है। इन 202 विद्यार्थियों में स्नातक से लेकर बी टेक, एम टेक एवं पीएचडी तक के विद्यार्थी है। 73 कर्मचारी एवं व्यवसायियों में प्राध्यापक, अध्यापक, सरकारी कर्मचारी एवं व्यवसायी शामिल है।

15 दिन तक चले इस वर्ग में शिक्षार्थियों को विभिन्न प्रकार के औपचारिक प्रशिक्षण दिए गए। शारीरिक रूप से सुदृढ़ बनाने हेतु प्रतिदिन सुबह शाम शारीरिक प्रशिक्षण हुआ। मानसिक एवं वैचारिक स्पष्टता हेतु प्रतिदिन 4 सत्रों का बौद्धिक प्रशिक्षण दिया गया। जीवन के प्रत्येक सेकंड का सदुपयोग एवं प्रत्येक वस्तु संसाधन का समुचित उपयोग का अभ्यास व्यवस्था विभाग के अंतर्गत दिया गया।

वर्ग में 24 घंटे की निश्चित दिनचर्या में जीवन जीते हुए अनेक औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त हुए। यहां कार्यकर्ताओं ने सामूहिक जीवन का प्रशिक्षण प्राप्त किया अर्थात सबके साथ समरस होकर सबको सहयोग करते हुए तय व्यवस्था में अपने सभी काम पूर्ण करना। जैसे शिक्षार्थी अपने सभी निजी काम जैसे अपने बर्तन धोना, कपड़े धोना आदि स्वयं करते है। इसी प्रकार सामूहिक काम सभी मिल बांटकर व्यवस्था बनाकर करते हैं जैसे भोजन के समय एक समूह भोजन वितरित करता है जबकि शेष सब भोजन करते हैं। इसके साथ ही शिक्षार्थियों में संवेदनशीलता एवं सेवाभाव की वृद्धि हेतु सेवा कार्य का प्रशिक्षण भी दिया गया।

 

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