दिल्लीः स्वस्थ जीवन के लिए रीढ़ की हड्डी का मजबूत होना बेहद जरूर है। रीढ़ की हड्डी शरीर को स्टेबिलिटी प्रदान करती है। इसकी मदद से ही शरीर को पोस्चर ठीक रहता है, लेकिन लोगों को इससे जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसकी वजह से असहनीय दर्द हो सकता है। आज हम आपको रीढ़ की कुछ आम समस्याओं के बारे में बात करेंगे। साथ ही कैसे इन समस्याओं से खुद को बचाए रख सकते हैं, इसके बारे में जानकारी देंगे।

रीढ़ की हड्डी की आम समस्याएंः हरियाणा में गुरुग्राम के सीके बिरला हॉस्पिटल में स्पाइन सर्जरी के डायरेक्टर डॉ. अरुण भनोट के मुताबिक रीढ़ की हड्डी में चनका या स्लिप डिस्क की वजह से पीठ, कूल्हे या पांव में दर्द होने लगता है। इसे साइटिका भी कहा जाता है। यह रीढ़ की हड्डी की सबसे आम समस्या है।

इसके अलावा सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस दूसरी आम समस्या है,  जिसमें कंधों में दर्द रहता है, कभी गर्दन में दर्द रहता है और कभी बाजुओं में दर्द आ जाता है। यह बहुत ही आम समस्याएं हो गई हैं। इनको समझने के लिए इनके कारण पर जाना पड़ेगा। जिससे इनका निदान भी आसानी से किया जा सकता है। रीढ़ की हड्डियों में कौन-कौन सी समस्याएं होती हैं और उनका इलाज क्या हैः

स्पाइन प्रॉब्लम्स का कारणः मौजूदा समय में यह इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि हमारा लाइफस्टाइल सुस्त होता जा रहा है। आजकल हम अधिकतर काम बैठकर करते हैं। इसके लिए अक्सर मोबाइल, लैपटॉप या टैब की आवश्यकता पड़ती है। पहले समय में जो काम फिजिकल एक्टिविटी से किया जाता था, वो कम होते जा रहे हैं।

चलना-फिरना कम करने के नुकसानः आम तौर पर चलने-फिरने से शरीर में अपने आप फ्लेक्सिबिलिटी आ जाती थी। वो चलना-फिरना कम करने से कम होती जा रही है। इसकी वजह से जोड़ या रीढ़ की हड्डी के डिस्क में अकड़न ज्यादा आ गई है। यही कारण है कि आज के वक्त में ऐसी समस्याएं ज्यादा देखने को मिल रही है।

बीच में ब्रेक लेना है जरूरीः  अभी तक हमने जाना कि इन समस्याओं के पीछे का कारण ज्यादा बैठना और कम चलना है। तो हमें पता चलता है कि अगर बैठने के दौरान बीच-बीच में थोड़ा ब्रेक लेकर चलना शुरू कर दें तो शरीर की स्टिफनेस को कम किया जा सकता है। इसी तरह अगर नियमित एक्सरसाइज करें तो लॉन्ग टर्म में स्पाइन प्रॉब्लम्स से बचने में काफी मदद मिलती है।

स्पाइन के लिए हेल्दी टिप्सः बात चाहे रीढ़ की हड्डी की फोक्सड एक्सरसाइज हों या अच्छे योगासन हो या फिर आसान वॉक या स्ट्रेचिंग कर लें। आपको फायदा मिलेगा। अगर काम के लिए भारी वजन उठाना पड़ता है तो उसके लिए सही पोस्चर सीखें। अगर आपको भार उठाना है तो उसे अपने शरीर के पास रखें और वजन को बराबर मात्रा में बांटें। ज्यादा नीची कुर्सी पर बैठने से बचें।

नोटः यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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