आतिशी मर्लेना बन सकती हैं मेयर, जानें और कौन-कौन से उम्मीदवार हैं रेस में

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दिल्लीः एमसीडी (MCD) यानी दिल्ली नगर निगम की कमान भी आम आदमी पार्टी के हाथों में आ गई है। पार्टी ने एमसीडी चुनाव में बहुमत हासिल कर लिया है। तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला मौका है, जब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में MCD पर भी AAP का कब्जा हो गया है।

आपतो बता दें कि MCD की कुल 250 सीटें है, जिनमें से AAP ने 134 और BJP ने 104 सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस के लिए ये चुनाव भी बेहद बुरा रहा और उसे सिर्फ 9 सीटों पर जीत हासिल हुई। इस जीत के साथ ही AAP ने BJP का 15 साल पुराना किला ध्वस्त कर दिया।

देश के दो राज्यों गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले AAP की ये जीत राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी कई संदेश लेकर आई है। AAP के कई बड़े नेता शराब घोटाले और हवाला कारोबार के आरोपों से घिरे हैं। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जेल में हैं और डिप्टी CM मनीष सिसोदिया पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में इस जीत ने पार्टी में मनीष सिसोदिया के कद को और मजबूत किया है।

हालांकि मंत्री सत्येंद्र जैन के विधानसभा क्षेत्र शकूरबस्ती में BJP ने तीनों सीटें सरस्वती विहार, पश्चिम विहार और रानी बाग जीत ली हैं। साथ ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र के 4 में से 3 वार्डों में AAP की हार चौंकाने वाली रही है। उधर आतिशी मर्लेना की सीट कालकाजी के भी तीनों वार्डों में बीजेपी ने जीत दर्ज की है।

MCD का चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए इस मायने में भी चुनौती भरा था, क्योंकि गुजरात के ठीक साथ ही ये चुनाव हो रहे थे। अरविंद केजरीवाल पूरी तरह गुजरात में प्रचार में जुटे रहे। ये जीत मनीष सिसोदिया के खाते में जाने वाली है।

आम आदमी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक इस जीत के बाद मनीष सिसोदिया को दिल्ली में बड़ी भूमिका मिल सकती है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ने के लिए मुक्त हो सकते हैं। सिसोदिया के लिए ये भूमिका CM की भी हो सकती है।

आपको बता दें कि MCD की तैयारी मनीष सिसोदिया के अलावा राघव चड्ढा, आतिशी, संजय सिंह, सौरभ भारद्वाज जैसे नेताओं के कंधों पर थी। MCD की जीत ने इन नेताओं को पहली श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है। पार्टी के लिए इन नेताओं के रूप में नया नेतृत्व खड़ा होगा और देशभर में पार्टी के प्रसार में ये फायदा पहुंचाएगा। आने वाले दिनों में हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा चुनाव हैं।

MCD में बहुमत पाने के बावजूद AAP के लिए चिंता की बात है। पार्टी को मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में हार मिली है। दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और विधायक अमानतुल्लाह खान के विधानसभा क्षेत्र ओखला में AAP पांच में से एक वार्ड ही जीत पाई। कांग्रेस और BJP को दो-दो वार्ड में जीत मिली है। इसी इलाके में शाहीन बाग आता है, जहां CAA-NRC के खिलाफ आंदोलन चला था।

दिल्ली दंगों के आरोपी पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के वार्ड नेहरू विहार में आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही। दंगों के बाद ताहिर को पार्टी से निकाल दिया गया था। फरवरी 2020 में CAA के खिलाफ आंदोलन के दौरान दंगे भड़क गए थे। दंगे में 53 लोगों की मौत हो गई थी। हिंसा का सबसे ज्यादा असर शिव विहार, मुस्तफाबाद, सीलमपुर, भजनपुरा, विजय पार्क, यमुना विहार और मौजपुर में था। यहां AAP बुरी तरह हारी है।

इसी तरह सीलमपुर में निर्दलीय उम्मीदवार हज्जन शकीला ने जीत दर्ज की है। इस सीट पर AAP कैंडिडेट ने नाम वापस लेकर शकीला को समर्थन दिया था। BJP ने भी चार पसमांदा उम्मीदवारों को उतारा था, लेकिन सभी हार गए। BJP ने मुस्तफाबाद से शबनम मलिक, चांदनी महल से इरफान मलिक, कुरैशी नगर वेस्ट से शमीन रजा कुरैशी और चौहान बांगर से सबा गाजी को टिकट दिया था।

कालकाजी से आप विधायक आतिशी मर्लेना मेयर बन सकती है। पार्टी के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि इसके लिए भी पार्टी ने पहले ही तैयारी कर रखी है। आतिशी मर्लेना का नाम इस रेस में फिलहाल सबसे आगे है। हालांकि उन्हें इसके लिए विधायक का पद छोड़ना पड़ेगा।

आतिशी के अलावा AAP नेता निर्मला देवी को भी मेयर बनाया जा सकता है। निर्मला देवी पार्टी की महिला इकाई की प्रदेश संयोजक हैं। इसके अलावा काउंसलर कैप्टन शालिनी सिंह का नाम भी चर्चा में है।

आपको बता दें कि MCD चुनाव जीते पार्षदों का कार्यकाल 5 साल के लिए होता है, लेकिन मेयर सिर्फ एक साल के लिए चुने जाते हैं। MCD में कुल 250 वार्ड हैं। इन वार्डों से जीते पार्षद ही मेयर का चुनाव करते हैं। दिल्ली की जनता सीधे तौर पर मेयर नहीं चुन सकती। जनता पार्षदों को चुनती है और पार्षद मेयर को।

MCD की सरकार का कार्यकाल 5 साल का होता है। इन 5 साल में पहले साल किसी महिला पार्षद को ही मेयर बनाया जा सकता है। ये एक तरह का रिजर्वेशन है। तीसरे साल किसी अनुसूचित जाति के पार्षद को मेयर बनाया जाएगा।

आतिशी 2019 लोकसभा चुनाव में ईस्ट दिल्ली से गौतम गंभीर के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं और तीसरे नंबर पर रही थीं। हालांकि 2020 विधानसभा चुनाव में वे कालकाजी सीट से लड़ीं और जीत हासिल की। MCD चुनाव में आतिशी की सीट के तीनों वार्ड पर AAP को हार मिली है।

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