दिल्लीः आखिरकार भारत का 70 साल का इंतजार खत्म हुआ। नामीबिया से स्पेशल फ्लाइट 8 चीतों को लेकर शनिवार सुबह 7.55 बजे भारत पहुंची। 24 लोगों की टीम चीतों को लेकर ग्वालियर एयरबेस पर लैंड किया। यहां स्पेशल प्लेन से पिंजरों को बाहर निकालकर विशेषज्ञ चीतों का रुटीन चेकअप कर रहे हैं। इसके बाद हेलिकॉप्टर चीतों को लेकर कूनो नेशनल पार्क रवाना होगा। 10 बजे के बाद तक चीते कूनो नेशनल पार्क पहुंच जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां सुबह 11 बजे तीन बॉक्स खोलकर चीतों को क्वारंटीन बाड़े में छोड़ेंगे। आपको बता दें कि पीएम मोदी का आज जन्मदिन भी है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मोदी कूनो में आधा घंटे रहेंगे। इस दौरान वे चीता मित्र दल के सदस्यों से बात करेंगे। पार्क में स्कूली बच्चों को भी आमंत्रित किया गया है। पीएम मोदी अपना जन्मदिन इन बच्चों के साथ मनाएंगे।

वहीं, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सुबह 9.30 बजे कूनो नेशनल पार्क पहुंच जाएंगे। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शुक्रवार देर शाम कूनो पहुंच चुके हैं। ग्वालियर

अपडेट्स…

  • सुबह 7.55 बजे स्पेशल चार्टर्ड कारगो फ्लाइट ग्वालियर में इंडियन एयरफोर्स के एयरबेस पर लैंड हुई। आतिशबाजी से चीतों का वेलकम हुआ।
  • चीतों को लेकर आ रही फ्लाइट सुबह 6 बजे ग्वालियर आना थी, लेकिन नामीबिया से फ्लाइट देरी से उड़ी।

मध्य प्रदेश के श्योपुर और मुरैना जिला के 344.685 किलोमीटर में पसरा कूनो नेशनल पार्क में आवाजाही तेज हो गई है। टिकटोली गेट से 18 किलोमीटर अंदर प्रोग्राम होगा। फ्लाइट लेट होने की वजह से यहां ग्वालियर से 10 बजे तक चीतों के आने की संभावना है।

श्योपुर जिले की कराहल तहसील मुख्यालय में महिला स्व-सहायता समूहों का सम्मेलन दोपहर 12 बजे होगा। इसमें पीएम मोदी भी शामिल होंगे। कार्यक्रम की लगभग सभी तैयारी पूरी हो चुकी हैं।

पीएम मोदी के कार्यक्रम के मद्देनजर कूनो नेशनल पार्क के टिकटौली गेट से 18 किलोमीटर अंदर 5 हेलिपैड बने हैं। इनमें से 3 प्रधानमंत्री और उनकी सुरक्षा के लिए आए हेलिकॉप्टर के लिए रिजर्व हैं। यहां से 500 मीटर के दायरे में 10 फीट ऊंचा प्लेटफॉर्मनुमा मंच बनाया गया है। मंच की ऊंचाई 10 से 12 फीट होगी। मंच पर PM मोदी के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय वन मंत्री और मध्यप्रदेश के वन मंत्री होंगे। इसी मंच के ठीक नीचे छह फीट के पिंजरे में चीते होंगे।

प्रधानमंत्री सुबह 11.30 बजे कूनो नेशनल पार्क से हेलिकॉप्टर के जरिए कराहल के लिए रवाना हो जाएंगे। दोपहर 12 बजे श्योपुर जिले में कराहल तहसील मुख्यालय पर आयोजित महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन में शामिल होंगे। यहां प्रधानमंत्री ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास’ योजना के तहत चार कौशल केंद्रों का उद्घाटन भी करेंगे, जो विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के लिए काम करेंगे। दावा किया गया है कि ग्वालियर-चंबल संभाग में स्व सहायता समूहों से जुड़ी 1 लाख महिलाएं इस सम्मेलन में शामिल हो रही हैं।

पीएम मोदी कराहल में दोपहर 12 से 1 बजे तक सम्मेलन से शामिल होंगे। कार्यक्रम के बाद 1.15 बजे वह कराहल से ग्वालियर के लिए रवाना होंगे। महिला स्व सहायता समूह की दीदियों को संबोधित करेंगे। साथ ही कार्यक्रम स्थल पर लगे स्व सहायता समूहों के स्टॉल्स का भी निरीक्षण करेंगे।

कराहल के मॉडल स्कूल ग्राउंड में आयोजित सम्मेलन के लिए पांच डोम बनाए गए हैं। मुख्य बड़े डोम के अलावा चार छोटे डोम बनाए गए हैं। यहां बने मंच में एक फ्लैक्स लगाया गया है, जिसमें सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो है। कार्यक्रम में पीएम मोदी मुख्य अतिथि रहेंगे।

पीएम मोदी के कार्यक्रम….

  • 9.45 बजे सुबह विशेष विमान से ग्वालियर आगमन।
  • 10.35 बजे हेलिकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क पहुंचेंगे।
  • 10.45 से 11.15 बजे चीतों को बाड़े में छोड़ेंगे।
  • 11:30 बजे हेलिकॉप्टर से कराहल रवाना होंगे।
  • 11.50 बजे कराहल पहुंचेंगे।
  • 12 से 1 बजे तक महिला स्व सहायता समूह सम्मेलन में शामिल होंगे।
  • 1.15 बजे कराहल से हेलिकॉप्टर से ग्वालियर रवाना।
  • 2.15 बजे ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
  • 2.20 बजे दोपहर को ग्वालियर से रवाना।

दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया विश्वविद्यालय में प्रो. एड्रियन ट्रोडिफ के मुताबिक भारत आए 8 चीतों में दो सगे भाई हैं। इनकी उम्र ढाई से साढ़े पांच साल के बीच है। आमतौर पर चीते की औसत उम्र 12 साल होती है। चीतों को सही सलामत पहुंचाने के लिए नामीबिया के वेटरनरी डॉक्टर एना बस्टो विमान में साथ आए हैं।

आपको बता दें कि बड़े मांसाहारी वन्यप्राणी की शिफ्टिंग की यह दुनिया की पहली परियोजना है, जिन चीतों को पार्क के क्वारंटीन बाड़े में छोड़ा जाएगा, उन्हें लाने के लिए भारत और नामीबिया सरकार के बीच 20 जुलाई 2022 को एग्रीमेंट हुआ था।

चीतों का नामकरण उनके स्वभाव का अध्ययन करने के बाद किया जाएगा। हर एक वन्य प्राणी का अपना स्वभाव होता है। कोई इंसानों को पसंद करता है, तो कई आक्रामक होता है। पार्क के डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा का कहना है कि चीतों के लिए उनके केयर टेकर भी नियुक्त किए जाएंगे। सभी केयरटेकर के अनुभव को रिकॉर्ड में लिया जाएगा। इसके बाद नामकरण किया जाएगा। इसमें तीन से पांच महीने तक का वक्त लग सकता है।

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