सांबाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि में पंचायतों की भूमिका को रेखांकित किया और कहा कि पंचायती राज व्यवस्था भारत को विकास की नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का सशक्त माध्यम बन सकती है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले की पल्ली पंचायत में पंचायती राज दिवस के मौके पर आज आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “ पल्ली पंचायत देश की पहली कार्बन न्यूट्रल पंचायत बनने की तरफ बढ़ रही है। आज मुझे पल्ली गांव में, देश के गांवों के जन प्रतिनिधियों के साथ जुड़ने का भी अवसर मिला है। इस बड़ी उपलब्धि और विकास के कामों के लिए जम्मू-कश्मीर को बहुत-बहुत बधाई।”
पीएम मोदी ने कहा कि इस बार का पंचायती राज दिवस जम्मू- कश्मीर में मनाया जाना एक बड़े बदलाव का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “ये बहुत ही गर्व की बात है कि जब लोकतंत्र जम्मू- कश्मीर में ग्रास रूट तक पहुंचा है, तब यहां से मैं देश भर की पंचायतों से संवाद कर रहा हूं। बात डेमोक्रेसी की हो या संकल्प डेवलपमेंट का, आज जम्मू- कश्मीर नया उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।”
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के हटने के बाद पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का जम्मू-कश्मीर के एक गांव में आयोजन बड़े परिवर्तन का संकेत है। उन्होंने प्रदेश के युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, “आपके माता-पिता, दादा-दादी और नाना-नानी को जिन मुसीबतों के साथ जिंदगी जीनी पड़ी। आपको कभी भी वैसी जिंदगी नहीं जीनी पड़ेगी, ये मैं आपको करके दिखाऊंगा। कभी दिल्ली से एक सरकारी फाइल चलती थी, तो जम्मू- कश्मीर पहुंचते-पहुंचते दो-तीन हफ्ते लग जाते थे। मुझे खुशी है कि आज 500 किलो वॉट का सोलर पावर प्लांट सिर्फ तीन हफ्ते के अंदर यहां लागू हो जाता है, बिजली पैदा करना शुरू कर देता है। आजादी के अमृत काल यानी आने वाले 25 वर्षों में नया जम्मू -कश्मीर विकास की नई गाथा लिखेगा।”
मोदी ने कहा कि यहां कनेक्टिविटी और बिजली से जुड़े 20 हज़ार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। जम्मू-कश्मीर के विकास को नई रफ्तार देने के लिए प्रदेश में तेजी से काम चल रहा है। इन प्रयासों से बहुत बड़ी संख्या में जम्मू-कश्मीर के नौजवानों को रोज़गार मिलेगा।
उन्होंने कहा कि आज अनेक परिवारों को गांवों में उनके घर के प्रॉपर्टी कार्ड भी मिले हैं। ये स्वामित्व कार्ड गांवों में नई संभावनाओं को प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि सौ जनऔषधि केंद्र जम्मू-कश्मीर के गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ती दवाएं, सस्ता सर्जिकल सामान देने का माध्यम बनेंगे।
पीएम मोदी ने कहा, ”आजादी के सात दशकों के दौरान जम्मू-कश्मीर में मात्र 17,000 करोड़ रुपये का ही प्राइवेट इंवेस्टमेंट हो पाया था। पिछले दो साल में ये आंकड़ा 38,000 करोड़ रुपये पहुंचा है। केंद्र सरकार की योजनाएं अब यहां तेजी से लागू हो रही हैं, जिसका सीधा फायदा जम्मू -कश्मीर के गांवों को हो रहा है। बिजली कनेक्शन हो, पानी कनेक्शन हो, स्वच्छ भारत अभियान के तहत टॉयलेट्स हो, इसका बड़ा लाभ जम्मू -कश्मीर को मिला है। दशकों-दशक से जो बेड़ियां वाल्मीकि समाज के पांव में डाल दी गई थीं, उनसे वो मुक्त हुआ है। आज हर समाज के बेटे-बेटियां अपने सपनों को पूरा कर पा रहे हैं।”
मोदी ने कहा, “ जब मैं एक भारत, श्रेष्ठ भारत की बात करता हूं, तब हमारा फोकस कनेक्टिविटी पर होता है, दूरियां मिटाने पर भी होता है। दूरियां चाहे दिलों की हो, भाषा-व्यवहार की हो या फिर संसाधनों की, इनको दूर करना आज हमारी बहुत बड़ी प्राथमिकता है।अब बनिहाल कांजीगुंड टनल से जम्मू और श्रीनगर की दूरी दो घंटे कम हो गई है। ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला को लिंक करने वाला आकर्षक आर्क ब्रिज भी जल्द देश को मिलने वाला है। दिल्ली -अमृतसर -कटरा हाइवे भी दिल्ली से मां वैष्णो देवी के दरबार की दूरी को बहुत कम करने वाला है।”
उन्होंने कहा, “ सरकार की कोशिश यही है कि गांव के विकास से जुड़े हर प्रोजेक्ट को प्लान करने, उसके अमल में पंचायत की भूमिका ज्यादा हो। इससे राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि में पंचायत अहम कड़ी बनकर उभरेगी।”
उन्होंने कहा,“ धरती मां को कैमिकल से मुक्त करना ही होगा। इसलिए प्राकृतिक खेती की तरफ हमारा गांव, हमारा किसान बढ़ेगा, तो पूरी मानवता को लाभ होगा। ग्राम पंचायत के स्तर पर कैसे प्राकृतिक खेती को हम प्रोत्साहित कर सकते हैं, इसके लिए भी सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।”
पीएम मोदी ने कहा कि ग्राम पंचायतों को सबका साथ लेकर एक और काम भी करना होगा। कुपोषण से, अनीमिया से, देश को बचाने का जो बीड़ा केंद्र सरकार ने उठाया है, उसके प्रति लोगों को जागरूक भी करना है। अब सरकार की तरफ से जिन योजनाओं में भी चावल दिया जाता है, उसको फोर्टिफाई किया जा रहा है। उन्होंने पंचायत स्तर पर जल प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी के महत्व पर बल देते हुए कहा कि इस समय तीन लाख पंचायतों में पानी समितियां बन चुकी हैं, जिनमें 50 प्रतिशत महिलाएं और 25 प्रतिशत कमजोर वर्ग के लोगों के प्रतिनिधित्व की व्यवस्था है। हर राज्य में पानी समितियों का गठन जरुरी है।
प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने अनुभव का उल्लेख करते हुए कहा कि महिलाएं पानी के महत्व को जानती हैं और पानी के प्रबंध में उनपर पूरा भरोसा किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “ पंचायत स्तर पर पानी के प्रबंध के बारे में अबतक सात लाख लोगों को परशिक्षण दिया जा चुका है और मैं चाहता हूं कि इसका दायरा बढ़े और यह काम तेजी से हो। पानी के काम में जितना ज्यादा महिलाओं पर भरोसा करेंगे उतना ही समस्या का समाधान जल्द होगा।”
उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों का कुपोषण और एनिमिया (शरीर में रक्त की कमी) से बचाव की पहल के बारे में जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार इसके लिए पौष्टिक तत्व से युक्त चावल (फोर्टिफाइड चावल) वितरित करने का अभियान चला रही है। यह काम पंचायत स्तर पर लोगों की भागीदारी से ही संभव होगा।
पीएम मोदी पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए उनके संसाधनों के वाणिज्यिक प्रयोग पर ध्यान देने का सुझाव दिया और कहा कि इसके लिए गांव-गांव में एनजीओ के माध्यम से रणनीति बनानी होगी। कचरे और अपशिष्ट के बेहतर प्रबंध और छोटे-छोटे बायो सीएनजी संयंत्र लगाकर पंचायतों के लिए अतिरिक्त कोष जुटाए जा सकते हैं।उन्होंने कहा कि आज़ादी का ये अमृतकाल भारत का स्वर्णिम काल होने वाला है। ये संकल्प सबका प्रयास से सिद्ध होने वाला है। इसमें लोकतंत्र की सबसे ज़मीनी ईकाई, ग्राम पंचायत की, आप सभी साथियों की भूमिका बहुत अहम है।श्री मोदी ने कहा कि सरकार की कोशिश यही है कि गांव के विकास से जुड़े हर प्रोजेक्ट को प्लान करने, उसके अमल में पंचायत की भूमिका ज्यादा हो। इससे राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि में पंचायत अहम कड़ी बनकर उभरेगी।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों को सबका साथ लेकर एक और काम भी करना होगा। कुपोषण से, अनीमिया से, देश को बचाने का जो बीड़ा केंद्र सरकार ने उठाया है, उसके प्रति लोगों को जागरूक भी करना है। अब सरकार की तरफ से जिन योजनाओं में भी चावल दिया जाता है, उसको फोर्टिफाई किया जा रहा है।