संवाददाताः कपिल भारद्वाज

करनालः हरियाणा के करनाल में सात सितंबर से चल रहा किसानों का धरना खत्म हो गया। जिला प्रशासन और किसानों के बीच दो मांगों पर सहमति बनने के बाद किसानों ने घरना समाप्त करने का फैसला लिया। जिला प्रशासन तथा किसानों के बीच दो मुद्दों पर सहमति बनी है, उनमें बसताड़ा में हुए लाठीचार्ज की जांच और मृतक के परिजन को डीसी रेट पर नौकरी देना शामिल है।

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने आज संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस के बाद किसानों के बीच आकर चल रहे धरने को समाप्त करने की घोषणा की। उन्होंने किसानों से धरना समाप्त कर दिल्ली के टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर कूच करने को

आपको बता दें कि जिला प्रशासन तथा किसानों के बीच समझौता शुक्रवार देर रात ही हो गया था, लेकिन इसकी जानकारी शनिवार को दोनों पक्षों ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करके दी।

समझौते के मुताबिक करनाल प्रशासन के अधिकारी बसताड़ा टोल पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज की जांच कराने पर राजी हो गए हैं। इस घटना की जांच जांच रिटायर्ड जज करेंगे और एक महीने में जांच पूरी की जाएगी। किसानों की इस मांग को मानने के साथ ही प्रशासन ने आईएएस (IAS) यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी  आयुष सिन्हा को छुट्‌टी पर भेज दिया है।

जिला प्रशासन ने लाठीचार्ज में मारे गए किसान के परिजन को नौकरी देने की मांग भी मान ली है। अब प्रशासन द्वारा मृतक के परिजन को एक हफ्ते के अंदर डीसी रेट पर नौकरी दी जाएगी।

आपको बता कि इस मुद्दे पर जिला प्रशासन के अधिकारियों तथा किसानों के बीच शुक्रवार देर रात तक बैठक चली। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रशासन करनाल के तत्कालीन एसडीएम (SDM)  जिन्होंने किसानों का सिर फोड़ने की बात कही थी, उनके खिलाफ केस दर्ज कर जांच करने की बात पर तैयार हो गया है।

वहीं प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसान के बेटे को डीसी रेट पर नौकरी देने की बात भी तय हुई है। हालांकि मृतकों और घायलों को मुआवजे का राशि तय नहीं हो पाई है, लेकिन उन्हें मुआवजा जरूर दिया जाएगा। किसानों के साथ चर्चा में DC निशांत कुमार यादव और SP गंगाराम पूनिया भी शामिल हुए।

जिला प्रशासन के न्योते पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में सुरेश कौथ और रतन मान समेत 13 किसान नेता बातचीत करने पहुंचे थे। इस दौरान अधिकारियों ने कई बार चंडीगढ़ भी बात की। प्रशासन ने भारतीय किसान यूनियन (हरियाणा) के अध्यक्ष गुरनाम चढूनी के पास प्रशासन की ओर से वार्ता के लिए  मैसेज गुरुवार दोपहर में भेजा गया था।

किसानों ने हरियाणा में करनाल जिला के बसताड़ा में हुए लाठीचार्ज के विरोध में घरौंडा की अनाज मंडी में एक महापंचायत का आयोजन किया गया था। इसमें प्रदेश के सभी किसान संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया था। इसमें तीन मांगें रखते हुए 7 दिन का समय दिया था और फिर सचिवालय पर धरना शुरू कर दिया था। किसानों नेताओं की मांग है कि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले SDM आयुष सिन्हा को बर्खास्त किया जाए। मृतक के बेटे को नौकरी और परिवार को 25 लाख रुपए के मुआवजे के साथ घायलों को दो-दो लाख रुपए की मदद दी जाए।

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