दिल्लीः सत्तारूढ़ जेडीयू सहितद बिहार की 10 राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने
जातीय जनगणना की मांग को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात साउथ ब्लॉक स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई। मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि हमने जातीय जनगणना पर अपनी बात पीएम के सामने रखी। जातीय आधारित जनगणना पर सभी पार्टियों का एकमत है। उन्होंने हमारी बात पूरे तौर पर ध्यान से सुनी है। हमें उम्मीद है कि इस पर विचार करेंगे।

उन्होंने कहा कि मुलाकात के दौरानु हमने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि कैसे बिहार विधानसभा में जातीय जनगणना पर विधेयक 2019 और 2020 में पास हुआ। अभी सरकार के एक मंत्री ने बयान दे दिया था कि जातीय आधारित जनगणना नहीं हो पाएगी। हमने पीएम के सामने बात रखी कि उस बयान को लेकर लोगों के मन में बेचैनी शुरू हो गई थी। बिहार में नेता विरोधी दल के नेता भी इस मुद्दे पर साथ में रहे। उन्होंने ही पीएम से मिलने की सलाह दी थी।

बिहार के मुख्यमंत्री बताया कि आज सभी लोगों ने अपनी बात पीएम के सामने रखी। सभी दलों के नेताओं ने जाति आधारित जनगणना के पक्ष में अपनी अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने ध्यान से सभी नेताओं की बात सुनी। पीएम मोदी ने अभी केवल हमारी बात सुनी है। उन्होंने किसी बात पर कोई निर्णय या मना नहीं किया है। नीतीश ने बताया कि हमने बैकवर्ड, ओबीसी, ईबीसी सभी मुद्दों पर बात की है। हमने कहा कि इनकी जनगणना हो जाएगी तो हम समाज के हर तबके के लोगों के विकास के लिए काम कर सकेंगे।

वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि राष्ट्रहित में कोई काम अगर है तो बिहार की 10 राजनीतिक पार्टियां एक साथ हैं। उन्होंने कहा कि जब जानवरों की गिनती होती है, पेड़-पौधों की गिनती होती है तो जातीय जनगणना भी होनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि जब आपके पास साइंटफिक आंकड़ा नहीं है तो आप योजनाएं कैसे बना सकते हैं।

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