पटनाः एलजेपी (LJP)  यानी लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने मोदी सरकार को धमकी दी है। उन्होंने यह धमकी अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को लेकर दी है। चिराग ने मंगलवार को यह संवादाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पशुपति पारस को एलजेपी के कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करना गलता है। उन्होंने कहा कि यदि निष्कासित सांसद पारस को कि एलजेपी कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, तो मैं कोर्ट जाऊंगा। उन्होंने खुद को एलजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया और कहा कि पार्टी मेरी है और समर्थन भी मेरे पास है। ऐसे में मेरी अनुमति के बिना, पार्टी के कोटे से किसी भी सांसद को मंत्री बनाना गलत है।

उन्होंने कहा, “यदि ऐसे सांसद को मंत्री बनाया जाता है, जिसे पार्टी निकाल चुकी है तो यह गलत होगा। मुझे नहीं लगता कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा करेंगे। अगर ऐसा हुआ तो मैं राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हूं।“ उन्होंने कहा कि यदि पशुपति पारस को मंत्री बनाना है, तो जनता दल यूनाइटेड में शामिल करके बनाएं, लेकिन लोक जनशक्ति पार्टी के नाम पर नहीं।

एलजेपी नेता चिराग ने डेढ़ से दो साल तक चलने की भविष्यवाणी करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सबसे पहली टूट जेडीयू में होगी। नीतीश कुमार की सरकार डेढ़-दो साल से ज्यादा नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि रामविलास के विचारों को कुचलते हुए जिन लोगों ने अलग गुट बनाया, उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है। उनकी प्राथमिक सदस्यता भी खत्म की गई है। इसकी जानकारी चुनाव आयोग को भी दी गई है।

आपको बता दें कि 13 जून की शाम एलजेपी कलह शुरू हुई थी। चिराक को छोड़कर पार्टी के बाकी पांच सांसदों ने 14 जून को संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी और इसमें हाजीपुर सांसद पशुपति कुमार पारस को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष चुना था। इसकी सूचना लोकसभा अध्यक्ष को भी दे दी गई। 14 जून की शाम तक लोकसभा सचिवालय से उन्हें मान्यता भी मिल गई थी। इसके बाद चिराग पासवान ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर पांचों बागी सांसदों को एलजेपी से हटाने की अनुशंसा कर दी। वहीं पारस गुट ने 17 जून को पटना में फिर से बैठक की और पारस को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया।

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