नई दिल्ली.
सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन और इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड की 12वीं की परीक्षा रद्द करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी है। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीएसई की 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एएम खानविलकर की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि सुनवाई के दौरान आईसीएसई और सीबीएसई से भी रिप्रेजेंटेशन होने चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट ममता शर्मा द्वारा दायर याचिका में केंद्र, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) को सीबीएसई और आईसीएसई कक्षा 12वीं की परीक्षाओं को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में, अधिवक्ता ने उच्चतम न्यायालय से राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित करने वाले अधिकारियों को विशिष्ट समय सीमा के भीतर वस्तुनिष्ठ पद्धति के आधार पर कक्षा 12वीं के परिणाम घोषित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।
इसके साथ ही, लगभग 7000 अभिभावकों ने भी इस महामारी के बीच कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार सीबीएसई परीक्षा आयोजित करने के संबंध में निर्णय 1 जून को घोषित होने की उम्मीद है। जैसा कि 23 मई को आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिया गया था, राज्य सरकारें पहले ही 25 मई, 2021 तक अपने विस्तृत सुझाव प्रस्तुत कर चुकी हैं।
इस सप्ताह की शुरुआत में लगभग 300 कक्षा 12वीं के छात्रों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना को एक पत्र भेजा था, जिसमें COVID-19 महामारी के बीच ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने के केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के फैसले को रद्द करने के लिए कहा गया था। छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को छात्रों को वैकल्पिक मूल्यांकन योजना उपलब्ध कराने का निर्देश देने की भी मांग की है।