कोरोना वायरस महामारी की आफत से देश जूझ रहा है. अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट गहराया हुआ है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता के स्टरलाइट प्लांट में ऑक्सीजन उत्पादन करने की मंजूरी दे दी है. कोरोना संकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन उत्पादन करने का आदेश जारी किया है साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी का गठन भी किया है. जो तय करेगी प्लांट के भीतर कितने लोगों की जरूरत है। वेदांता इस प्लांट में मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन करेगा और वह मुफ्त में ऑक्सीजन मुहैया कराएगा.
दरअसल, तीन साल से बंद पड़े तमिलनाडु में वेदांता स्टरलाइट प्लांट को खोलने के लिए याचिका लगाई गई थी. वेदांता की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वेदांता स्टारलाइट प्लांट में सिर्फ ऑक्सीजन प्लांट चालू करना चाहते हैं. जिसपर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह राष्ट्रीय आपदा है. केंद्र और राज्य सरकारों के बीच राजनीति कलह नहीं होनी चाहिए. यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता को तूतीकोरिन कॉपर प्लांट में सिर्फ ऑक्सीजन प्लांट शुरू करने की इजाजत दी है.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस इस रविन्द्र भट की पीठ ने मामले की सुनवाई की. जस्टिस चंद्रचूड़ ने वरिष्ठ वकील साल्वे से पूछा कि आप संयंत्र को कब से शुरू कर सकते हैं. इसपर हरीश साल्वे ने कहा कि 10 दिन के अंदर ऑक्सीजन प्लांट शुरू कर दिया जाएगा. वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कोर्ट के सामने केंद्र सरकार का पक्ष रखा. बता दें कि देश में कोरोना संकट लगातार गहराता जा रहा है. बढ़ते मरीजों की वजह से स्वास्थ्य सुविधाओं पर बुरा असर पड़ रहा है. अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की भारी कमी है.
बता दें कि इससे पहले तमिलनाडु सरकार ने वेदांता के तूतीकोरिन स्थित स्टरलाइट प्लांट को आंशिक तौर पर खोलने की अनुमति दे दी. कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद स्टरलाइट प्लांट को चार महीने के लिए ऑक्सीजन उत्पादन की मंजूरी दी गई. राज्य सरकार ने मई, 2018 में स्टरलाइट के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन में 13 लोगों की मौत के बाद प्लांट को सील कर दिया था.