वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 9 अप्रैल की शाम छह बजे से 19 अप्रैल तक टोटल लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। इसके साथ रायपुर देश के किसी भी राज्य की पहली राजधानी बन गई है, जहां पर कोवि-19 की दूसरी लहर के कारण इतना लंबा लॉकडाउन लगाना पड़ा।

यहां पर एक दिन में 2 हजार 821 मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। वहीं पिछले 24 घंटे में रायपुर में 26 लोगों की जान संक्रमण से गई। कोरोना की रफ्तार छत्तीसगढ़ में अब तक के सबसे भयावह दौर में पहुंच गई है। राज्य में अप्रैल के पहले छह दिनों में 37 हजार मरीज मिल चुके हैं। यानी हर रोज औसतन छह  हजार से अधिक नए कोरोना मरीज मिल रहे हैं। राज्य में मंगलवार को रिकॉर्ड 9,921 केस मिले और 53 मौतें हुई हैं। रायपुर में 1,001 तथा राज्यभर में अब तक 4,400 ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है।

जिला प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि रजिस्ट्री ऑफिस में कोरोना से सात कर्मचारी संक्रमित पाए गए हैं। इसके बाद एहतियातन इनके संपर्क में आए 30 अधिकारियों, कर्मचारियों और ऑपरेटरों का RT-PCR टेस्ट करवाया गया है। इन 30 लोगों की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। ऐसे में 48 घंटों के लिए इस दफ्तर को सील कर दिया गया है। उधर, रायपुर के महिला थाने में भी कुछ कर्मचारी संक्रमित हुए हैं।

वहीं विधानसभा के सात अधिकारियों-कर्मचारियों के इस वायरस से संक्रमित होने के बाद सचिवालय को बंद कर दिया गया है। विधानसभा सचिवालय 11 अप्रैल तक पूरी तरह बंद रहेगा। इस दौरान अधिकांश अधिकारी कर्मचारी होम क्वारंटीन हैं।

उधर, रायपुर जिला प्रशासन ने 55 वर्ष से अधिक के कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है। कलेक्टर ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि इस आयु वर्ग के लोगों को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया जाएगा।

यहां पर एक्टिव सर्विलांस के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाने को भी कहा गया है। कंटेनमेंट जोन का सर्विलांस सुबह सात से सुबह 10 बजे तक किया जा सकता है। कलेक्टर ने होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के घर हर हाल में क्रॉस स्टीकर एवं रिबन लगाने को कहा है।

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