महिलाएं खुद को टटोलें, समस्या है तो समाधान भी है

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नई दिल्ली. अनचाही जगह पर अनजाने बाल, झिझक से बुरा हाल, वजन बढ़ने या घटने की परेशानी, स्किन का ऑयली होना, सिर दर्द…अनेक परेशानियां और काम का तनाव ज्यादा। महिलाओं के बीच आज ऐसे कई बदलाव तनाव का कारण बनते जा रहे हैं। पर घबराने की जरूरत नहीं, फौरन स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।

टोटलते रहें खुद को-
-हर महिला को अपनी मैमोग्राफी जांच समय पर करवानी चाहिए। यह जांच ये सुनिश्चित करने के लिए की जाती है कि महिला स्तन कैंसर से पीड़ित है या नहीं। आज के युग में, दुनिया में 20 प्रतिशत महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित हैं। 50 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को वर्ष में एक बार अपना मैमोग्राम टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। यदि आपके स्तन में असामान्यताएं, स्तन गांठ या असामान्य निप्पल डिस्चार्ज का पता लगाता हैं, तो बस बिना किसी देरी के सीधे डॉक्टर से संपर्क करें।

-पोली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम महिलाओं में तेजी से पनपने वाली बीमारी है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें ओवरी में कई सिस्ट हो जाते हैं जो बांझपन और अनियामित पीरियड का कारण बनते हैं। इस परेशानी की वजह से मन नहीं लगता। रास्ता है जांच।

-थायराइड महिलाओं में तेजी से पनपने वाली बीमारी है, जिससे महिलाओं को बाल झड़ने से लेकर वज़न बढ़ने तक की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हार्मोनल परिवर्तन, रजोनिवृत्ति और गर्भावस्था के कारण महिलाओं को इसका खतरा अधिक होता है।

-बोन डैंसिटी टैस्ट में एक विशेष प्रकार के ऐक्सरे के द्वारा स्पाइन, कलाइयों, कूल्हों की हड्डियों की डैंसिटी माप कर इनकी शक्ति का पता लगाया जाता है ताकि हड्डियों के टूटने से पहले ही उन का उपचार किया जा सके।

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