राज्यपाल पद में पावर नहीं…राजनीतिक पारी के पहले ही मेट्रोमैन ई श्रीधरन की ने डाली ‘गुगली’

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नई दिल्ली. मेट्रोमैन ई श्रीधरन राजनीतिक पारी शुरू करने जा रहे हैं। रविवार, 21 फरवरी को वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं। इसके पहले उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कहा कि मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं। जीवनभर राष्ट्रनिर्माण के लिए निरंतर काम किया है। अब भी यही करना चाहता हूं। बची जिंदगी राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की विचारधारा को मजबूत करने के लिए समर्पित करना चाहता हूं। रही बात चुनाव की, पार्टी कहेगी तो किसी भी जगह से लड़ने के लिए तैयार हूं। हालांकि मेरी प्राथमिकता मेरा गृहक्षेत्र मल्लापुरम ही होगा।

मैं 2011 में रिटायर होने के बाद से ही लोगों के लिए काम करना चाहता था। अकेले काम करने में अक्षम महसूस कर रहा था। इसलिए राजनीतिक क्षेत्र में जाने पर विचार किया। केरल के सत्तारुढ़ वाम दल और विपक्षी कांग्रेस के गठबंधन, दोनों ने निराश किया। राष्ट्रीय हित इनके एजेंडे में नहीं है। इनके नेता सिर्फ अपने लिए काम कर रहे हैं। मैंने महसूस किया कि भाजपा से मेरी विचारधारा मिलती है। भाजपा एक मात्र ऐसी पार्टी है जिसके साथ मैं खुद को जोड़ सकता हूं। भाजपा ही मेरी काबिलियत का राज्य व राष्ट्र निर्माण में सर्वोत्तम इस्तेमाल कर सकती है। इसका दृष्टिकोण भविष्यमुखी है।

राष्ट्रहित में मैं पार्टी ज्वाइन कर रहा हूं। आज भारत के विरोध में काम कर रही ताकतें भारत की छवि दुनिया में धूमिल करने की मुहिम चला रही हैं। दुर्भाग्य से देश की विपक्षी पार्टियों ने भी इस मुहिम को समर्थन दे रखा है। यह सब मात्र भाजपा के अंधे-विरोध में किया जा रहा है। जबकि केंद्र की सरकार ने राष्ट्र और जनता के पक्ष में कई अच्छे काम किए हैं। मैं इसी क्रम को आगे बढ़ाना चाहता हूं।

ई श्रीधरन ने बताया, केरल के लिए मैं कुछ करना चाहता हूं। उसके लिए मुझे बीजेपी का दामन थामना होगा। मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं। मुख्य लक्ष्य केरल में पार्टी को सत्ता में लाना है। जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए तैयार रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी दिलचस्पी राज्यपाल बनने में नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह संवैधानिक पद है और कोई शक्ति नहीं है और वह ऐसे पद पर रहकर राज्य के लिए कोई सकारात्मक योगदान नहीं दे पाएंगे।
श्रीधरन ने कहा कि अगर बीजेपी को इस साल अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत मिलती है तो उनका ध्यान बड़े स्तर पर आधारभूत संरचना का विकास करना और राज्य को कर्ज के जाल से निकालना होगा। आज हर मलयाली पर आज 1.2 लाख रुपये का कर्ज है। इसका मतलब है कि हम दिवालिया होने की तरफ बढ़ रहे हैं और सरकार अब भी उधार ले रही है। राज्य की वित्तीय हालत सुधारने की जरूरत है और हम इसका समाधान निकालेंगे।’
उन्होंने कहा कि यह निर्णय अचानक नहीं लिया है। मैं पिछले एक दशक से केरल में हूं और राज्य के लिए कुछ करना चाहता हूं, पर मैं अकेले कुछ नहीं कर सकता, इसलिए मैं पार्टी में शामिल हो रहा हूं।’

केरल बीजेपी अध्यक्ष के सुरेंद्रम के मुताबिक श्रीधरन आधिकारिक तौर पर बीजेपी के साथ राज्य में 21 फरवरी से शुरू होने वाली विजय यात्रा के दौरान जुड़ेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ राज्य के विधानसभा चुनावों से पहले होने जा रही इस यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। ये यात्रा कारसगोड से शुरू होगी और कई विधानसभा से होते हुए मार्च के पहले हफ्ते में तिरुवनंतपुरम में खत्म होगी।

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