उत्तराखंड के चमोली जिले में 7 फरवरी को ग्लेशियर फटने के कारण आई आपदा में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. अभी भी डेढ़ सौ से अधिक लोग लापता हैं.
राज्य आपदा मोचल बल के अनुसार, रविवार (14 फरवरी) को 12 और शव बरामद किए गए हैं, जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है. इनमें से पांच शव रैनी गांव से और पांच तपोवन सुरंग से बरामद किए गए हैं.
इस बीच ऋषिगंगा नदी के ऊपर बनी झील से पानी निकलना शुरू हो गया है, जिससे इस इलाके में बाढ़ का खतरा कम हो रहा है. हालांकि पानी का बहाव बढने पर निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो सकता है.
राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं, लेकिन तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे लोगों को निकालने में सबसे अधिक मुश्किलों का सामना कचड़ा के कारण करना पड़ रहा है.
सुरंग में फंसे लोगों तक पहुंचने और उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव टीमों ने शनिवार (13 फरवरी ) से इसे चौड़ा करने का काम शुरू कर दिया है. सुरंग से गाद और पानी बाहर निकालने के लिए पाइप और नई मशीनों का सहारा लिया जा रहा है.
सुरंग को करीब 300 मिमी तक चौड़ा किया जा रहा है, जिसकी गहराई 12 मीटर की होगी. सुरंग के भीतर 25 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है.