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भारत सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को हटाने के लिए किसान डटे हैं. दिल्ली की सीमाओं पर इसे लेकर प्रदर्शन हो रहा है. वहीं, राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए कहा था कि गतिरोध को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद किसानों ने सरकार से तारीख तय करने को कहा है.

संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि किसान संगठन अगले राउंड की बातचीत के लिए तैयार हैं और सरकार को उन्हें बातचीत के लिए तारीख और समय के बारे में सूचित करना चाहिए. कक्का ने पीटीआई से कहा, “सरकार के साथ बातचीत से हमने कभी इनकार नहीं किया, जब कभी हमें बातचीत के लिए बुलाया गया. हमने केंद्रीय मंत्रियों के साथ बातचीत की. हम सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं.”

दरअसल, तीन नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार और किसानों के बीच ग्यारह दौर की बातचीत हो चुकी है. लेकिन, दोनों पक्षों के अपने-अपने स्टैंड पर अडिग रहने के चलते बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंचीं. किसान संगठन केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून की मांग कर रहे हैं.

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