उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटा…सैलाब में बह गए 60 मजदूर, भारी तबाही

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चमोली.उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को ग्लेशियर टूटने से भयंकर तबाही हुई है। कई घर बह गये हैं और कई पावर प्रोजेक्ट को इससे नुकसान होने की आशंका है। पावर प्रोजेक्ट के 50-60 मजदूर इस सैलाब में बह गये हैं, ऐसी आशंका है।

नदी में अचानक पाने आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की आशंका है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। वे घटनास्थल की ओर रवाना हो रहे हैं। अभी यह स्पष्ट सूचना नहीं मिल पाई है कि कितने लोग इससे प्रभावित हुए हैं, लेकिन आशंका जतायी जा रही है कि इससे बड़ा नुकसान होगा। हादसे में 100-150 लोगों के मारे जाने की आशंका है।

चमोली पुलिस ने अलकनंदा नदी के किनारे बसे लोगों से जगह खाली करने की अपील की है। पुलिस ने ट्वीट किया है कि तपोवन रेणी क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को क्षति पहुंची है, जिससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, अत: लोगों से अपील है कि अतिशीघ्र सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।

ग्लेशियर के टूटने से धोली गंगा नदी में पानी का स्तर बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है, इसलिए प्रशासन ने भागीरथी और अलकनंदा नदी के पानी के बहाव को रोक दिया गया है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर जानकारी दी है किनंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र बनाये हुए हैं।

गृहमंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गयी है कि ITBP की दो टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है, जबकि NDRF की तीन टीम को देहरादून से बुलाया गया है। इसके अलावा तीन अन्य टीम को भी वायुसेना की मदद से वहां पहुंचाया जायेगा। SDRF और स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है और बचाव कार्य जारी है।

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर लोगों को जानकारी दी है कि अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नंबर 1070, 1905 और 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं।

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