प्रधानमंत्री की सभा में शामिल होने जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला

0
115
file Picture

कोलकाता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक पखवाड़े में दूसरी बार बंगाल दौरे पर हैं। इस दौरान वे कई योजनाओं की आधारशिला रखेंगे और कुछ का शिलान्यास भी करेंगे। इसी क्रम में हल्दिया में अधोसंरचना विकास से जुड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इस बीच जानकारी मिली है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हल्दिया में आयोजित राजनीतिक सभा में शामिल होने के लिए जा रहे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया। हमले में 5 भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गये हैं। इनमें दो भाजपा कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गये हैं। यह भी बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हल्दिया पहुंचने से पहले नंदकुमार में उनके फ्लेक्स और पोस्टर को फाड़ दिया गया। भाजपा का आरोप है कि रात के अंधेरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्लेक्स को बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने ही फाड़ा है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 41 पर हल्दिया के रानीचक में चार लेन वाला आरओबी-कम-फ्लाईओवर भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसे 190 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इस फ्लाईओवर के चालू होने से कोलाघाट से हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स और आसपास के अन्य क्षेत्रों में यातायात की निर्बाध आवाजाही होगी, जिसके परिणामस्वरूप यात्रा के समय में काफी बचत होगी तथा बंदरगाह के भीतर और बाहर भारी वाहनों की परिचालन लागत में भी कमी आयेगी। पीएमओ के मुताबिक ये परियोजनाएं पूर्वी भारत के विकास की प्रगति में प्रधानमंत्री मोदी के पूर्वोदय दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।

प्रधानमंत्री विभिन्न योजनाओं के जरिए पश्चिम बंगाल की जनता को अपना बनाने में लगे हैं। वहीं तृणमूल कांग्रेस भाजपा को बाहरी बताकर चुनावी जंग जीतना चाहती है। इस क्रम में राजनीतिक लड़ाई अब चरम पर है। हालांकि वह लगातार अपने विश्वस्तों और बड़े सिपहसालारों को खोती जा रही हैं और मौके की नजाकर को भांप भाजपा ने अपने लिए 200 प्लस का लक्ष्य तय किया है। माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में यह सवा दो सौ का लक्ष्य भी हो सकता है, जो पिछली बार ममता के प्रदर्शन से ज्यादा होगा।

यूं तो बड़े लक्ष्य घोषित करना राजनीतिक बयान भर माना जाता है, लेकिन पिछले दिनों में भाजपा ने इसे पूरा करने का दमखम भी दिखाया है। खुद बंगाल में लोकसभा चुनाव में 22 सीटों की बात की जा रही थी और पार्टी 18 सीटों पर जीती थी। भाजपा के विश्वास का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जिस गुजरात विधानसभा में भाजपा बहुत नजदीकी जंग जीती थी, वहीं अब सौ फीसद यानी मिशन 182 की घोषणा कर दी गई है। यह घोषणा विपक्ष में खलबली मचाएगी। ठीक वैसे ही जैसे बंगाल में मची है। पिछले दिनों भाजपा का प्रदर्शन बिहार विधानसभा के साथ-साथ कई राज्यों के उप चुनाव और पंचायत चुनाव तक में भी बहुत अच्छा रहा है। ऐसे में बंगाल में भाजपा की ओर से बड़ा लक्ष्य जाहिर तौर पर ममता को परेशान कर सकता है।

ध्यान रहे कि ममता अपनी सनक और तेवर के लिए जानी जाती हैं। इसी तेवर के कारण वह अपने विश्वस्तों को भी खो रही हैं। पहले मुकुल रॉय जैसे तृणमूल संगठन के सबसे बड़े कर्ताधर्ता और अब सुवेंदु अधिकारी जैसे क्षमतावान नेता। ध्यान रहे कि सुवेंदु तृणमूल में ममता के बाद सबसे अधिक लोकप्रिय नेता माने जाते थे। वाम मोर्चे से लड़ाई में सुवेंदु ने बतौर युवा मोर्चा अध्यक्ष अहम भूमिका निभाई थी। उनकी पूरे बंगाल में पहचान है। सुवेंदु का आना और भाजपा की ओर से तय बड़े लक्ष्य ने तृणमूल के अंदर खलबली मचाने में कैटेलिस्ट का काम किया है। यानी एक झटके में भाजपा ऐसे क्षेत्रों में मजबूत उम्मीदवार और संगठनकर्ता खड़े करने में सक्षम हो गई है, जहां फिलहाल इसकी कमी थी। छह साल पहले तक भाजपा के लिए बंजर रहे बंगाल में दो सौ, सवा दो सौ का लक्ष्य घोषित करना मानसिक लड़ाई का भी तरीका है। भाजपा कार्यकर्ताओं में जहां यह जोश जगाएगा, वहीं विपक्ष को बेचैन करेगा। इसी की नतीजा हमले के रूप में सामने आ रहा है। ताजा हमला भी उसी की कड़ी का बताया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here