मुंबई. कांग्रेस आलाकमान ने नाना पटोले को महाराष्ट्र कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया है। इनके अलावा आलाकमान ने शिवाजी राव मोघे, बसवराज पाटिल, मो. आरिफ नसीम खान, कुणाल रोहिदास पाटिल, चंद्रकांत हांडोरे और कुमारी प्रणती सुशील कुमार शिंदे को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है।
कल गुरुवार को नाना पटोले ने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर पद से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के एक दिन पहले पटोले ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी। मुंबई लौटकर गुरुवार को सहयाद्री गेस्ट हाउस में चल रही मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुलाकात की। उसके बाद विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरी झीरवाल को इस्तीफा सौंप दिया।
56 वर्षीय पटोले को कांग्रेस के गढ़ रहे विदर्भ क्षेत्र से एक आक्रामक नेता के रूप में देखा जाता है। पटोले किसानों के मुद्दों पर मुखर रहे हैं और किसानों के बीच कुछ सद्भावना रखते हैं। भंडारा जिले के सकोली से वे कांग्रेस के तीन बार विधायक रहे। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल को भंडारा-गोंदिया सीट से हराया। वे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अंतर्गत आते हैं।
2017 में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलने वाले पहले भाजपा सांसद के रूप में चर्चा में आए थे। उन्होंने इसके बाद पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस में वापस आ गए। भाजपा से इस्तीफा देने के कुछ दिनों के भीतर ही पटोले को कांग्रेस में शामिल किया गया। उन्हें अखिल भारतीय किसान कांग्रेस, पार्टी की किसान शाखा के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस पार्टी के टिकट पर विधायक बने। इसके बाद उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया।
अगले महीने महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र होना है। ऐसे में नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराना महा विकास आघाड़ी सरकार के लिए एक और परीक्षा होगी। एक साल पहले सरकार के समर्थन में जितने विधायकों के वोट आए थे, उससे अगर एक वोट भी कम हो गया, तो यह सरकार के लिए शर्मिंदगी का सबब बन सकता है।