बिहार में पंचायत चुनाव से पहले बदले जाएंगे 200 से अधिक बीडीओ

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nitish kumar
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

पटना. बिहार में आगामी पंचायत चुनाव मार्च के मध्य में शुरू होंगे। पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इस बार बिहार में नौ से दस चरणों में पंचायत चुनाव कराए जाने की तैयारी है। अधिकारियों ने कहा है कि पंचायत चुनाव का शेड्यूल जल्द ही राज्य सरकार को भेज दिया जाएगा। बिहार में पहली बार पंचायत चुनाव ईवीएम से कराए जाएंगे। पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि पंचायत चुनाव को लेकर राज्य सरकार के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इस संबंध में अंतिम फैसला राज्य निर्वाचन आयोग लेगा।

इस बीच, बिहार सरकार भी प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी कर रही है। सूबे के जिलों में तैनात अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग भी जल्द हो सकती है। जानाकारी के अनुसार, ग्रामीण विकास विभाग प्रखंड अधिकारियों (बीडीओ) को बदलने के लिए सूची तैयार कर रही है। राज्य निर्वाचन आयोग ने ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखा है। जिसमें चुनाव को लेकर कई बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट किया गया है, जिसमें अधिकारियों की कार्यप्रणाली व चुनाव ड्यूटी से संबंधित पात्रता वगैरह का जिक्र है। पत्र में यह भी कहा है कि किसी विभागीय कार्रवाई के दायरे में अधिकारियों को भी चुनाव ड्यूटी से दूर रखा जाए। आयोग के इस निर्देश के बाद अब दो सौ से अधिक बीडीओ के तबादले तय माने जा रहे हैं। जिनकी भूमिका पंचायत चुनाव में बेहद खास रहती है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अपने पत्र में चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव के दौरान कोई भी निर्वाची पदाधिकारी अपने गृह जिले की पोस्टिंग में नहीं रहेगा। साथ ही एक ही जिला में चार साल से लागतार या तीन साल जमे अधिकारियों को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं। 21 जून तक ऐसे अधिकारी उस जगह से हटा लिए जाएं। बता दें कि प्रखंड स्तर पर बीडीओ ही निर्वाची पदाधिकारी बनाए जाते हैं।

पंचायत चुनाव के लिए बनाई गई मतदाता सूची में सुधार के लिए दावा व आपत्तियों की जांच शुरू हो गई है। वार्डवार मतदातासूची बनाए जाने के बाद इसके प्रारूप का प्रकाशन किया गया था। आगामी 11 फरवरी तक दावा-आपत्तियों का निराकरण करने का निर्देश राज्य निर्वाचन आयोग ने दिया है। यदि आयोग द्वारा घोषित मतदान केंद्रों में कुछ भी गलत पाया जाता है, तो जनता इसे लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कर सकती है। जैसे- अगर किसी मतदान केंद्र को मुखिया के घर पर, पुलिस स्टेशन या अस्पताल में बनाया जाता है तो इसके लिए मतदाता आपत्ति दर्ज कर सकता है।
वहीं निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र के अधिकारियों को बूथों के भौतिक सत्यापन के लिए कहा गया है। यदि हमें किसी असुविधाजनक रूप से स्थित पोलिंग बूथ के बारे में जानकारी मिलती है तो हम नए मतदान केंद्र स्थापित करेंगे। राज्य में अबतक 1.19 लाख मतदान केंद्रों की पहचान की है। अधिकारी ने कहा कि मतदान केंद्रों की सूची का अंतिम प्रकाशन 2 मार्च को किया जाएगा। त्रि-स्तरीय ग्रामीण स्थानीय निकायों में कुल 2.58 लाख पद हैं, जिसके लिए पंचायत चुनाव होंगे।

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