सिंघु बॉर्डर पर लाठीचार्ज, किसान प्रदर्शनकारी और ग्रामीणों में हिंसक भिड़ंत

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नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस की घटना के बाद लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। जिन गांवों के पास किसानों ने डेरा डाला है, एक तो उनका धैर्य जबाव देने लगा है और दूसरे उन्हें ग्लानि हो रही है कि हमने उन्हें पनाह दे रखी है, जिन्होंने तिंरगे का अपमान कर देश को क्षुब्ध किया है। यही कारण है कि अब ग्रामीण सिंघु बार्डर को खाली कराने को लेकर संकल्पित हो चुके हैं।

इस बीच, सिंघू बॉर्डर पर स्थानीय लोगों व आंदोलनकारियों के बीच पथराव की खबर है। हालात को काबू में करने के लिए वहां तैनात पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े हैं और हल्का बल का प्रयोग भी किया है। इस पथराव में पुलिस सहित कई लोग घायल हो गए हैं। बवाल के दौरान अलीपुर थाने में तैनात एसएचओ पर प्रदर्शनकारियों ने तलवार से हमला किया है। इसमें उनके हाथ पर तलवार लगी है, जिससे उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

बता दें कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर फिलहाल सिंधू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर हजारों किसानों का प्रदर्शन जारी है। इस बीच शुक्रवार दोपहर में स्थानीय ग्रामीणों और किसान प्रदर्शनकारियों में भिड़ंत हो गई। दोनों ओर के लोगों ने एक-दूसरे पर पथराव किया।

दिल्ली देहात विकास मंच के महासचिव अनूप सिंह मान ने बताया कि आंदोलनकारी किसानों ने पिछले दो माह से सिंघु बार्डर को बंद कर रखा है। आवागमन ठप होने से दिल्ली देहात बंधक बना हुआ है। ग्रामीणों को रोजाना अनेक मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। गंतव्य तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। मीलों पैदल चलना पड़ रहा है।यही वजह है कि किसानों द्वारा रास्तों को रोककर प्रदर्शन करने के विरोध में स्थानीय लोग भी आ गए हैं। शुक्रवार दोपहर सिंघु बॉर्डर पर कई गांवों के किसानों ने प्रदर्शन कर मांग की कि किसान यहां से जाएं।

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