नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हिंसा, हंगामा और बवाल का जो नजारा पेश किया, उससे पूरा देश आहत है। यहां तक कि किसान आंदोलन का शुरू से समर्थन करने वाले भी किसानों के इस तांडव से हैरान-परेशान हैं और भरपूर भर्त्सना कर रहे हैं। यहां तक कि करीब दो महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन भी कल के वाकये से खुद अलग करने की जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं।
हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस किसी को भी बख्शने के मूड में नहीं। देश भर से मिल रही शिकायतों के अलावा वहां के साक्ष्य उस दिन की भयावहता को लेकर किसानों को कोस रहे हैं। पूरा देश किसानों को कोस रहा है। अब दिल्ली पुलिस भी ऐक्शन में है। दिल्ली पुलिस ने लाल किले पर हिंसा को “सबसे निंदनीय और राष्ट्र विरोधी कृत्य” करार दिया है। पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि 26 जनवरी की हिंसा में किसान नेता शामिल थे। उन्होंने चेतावनी दी है कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा। कई किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस अब इन नेताओं के पासपोर्ट सरेंडर करवाने की प्रक्रिया भी शुरू करेगी।
दरअसल, उपद्रवी किसानों का एक बड़ा हुजूम लाल किले को कब्जे में ले लिया और चोटी पर लहरा रहे तिरंगे के समानांतर कथित तौर पर खालसा पंथ का झंडा फहरा दिया। हालांकि, कुछ लोग इसे खालिस्तान आंदोलन का झंडा भी बता रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने अभिनेता दीप सिद्धू और ‘गैंगस्टर’से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना के नाम एफआईआर में शामिल किए हैं। दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC), सार्वजनिक संपत्ति को क्षति से रोकथाम अधिनियम और अन्य कानूनों की धाराओं के तहत उत्तरी जिले के कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया है। FIR में प्राचीन स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों और अवशेष अधिनियम तथा शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों को भी जोड़ा गया है।
इससे पहले, पुलिस ने किसान नेताओं से पूछा था कि वे बताएं कि तय समझौते का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। किसान नेताओं को जवाब देने के लिए तीन दिन का वक्त दिया गया है। नोटिस 20 से ज्यादा किसानों को दिए गए हैं जिनमें योगेंद्र यादव, बलबीर राजेवाल, बलदेव सिंह सिरसा जैसे नाम शामिल हैं। नोटिस में ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित शर्तों के उल्लंघन का भी हवाला दिया गया है।
दिल्ली पुलिस की एफआइआर के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत केस दर्ज करने पर विचार कर रही है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जल्द ही दिल्ली पुलिस से एफआइआर की कॉपी मंगाई जाएगी। इसके पहले एनआइए दीप सिद्धू समेत कई नेताओं को प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से फंडिंग के आरोप में नोटिस जारी कर चुका है।
ईडी के वरिष्ठ ने कहा कि लगभग दो महीने से चल रहे किसान आंदोलन के लिए देश-विदेश से बड़े पैमाने पर फंडिंग किए जाने की सूचना है। अब जब दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है। ईडी के लिए मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने का रास्ता साफ हो गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ईडी दिल्ली पुलिस में दर्ज एफआइआर के विश्लेषण के बाद ही मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने का फैसला करेगी। पहले यह देखा जाएगा कि दिल्ली पुलिस ने किन-किन धाराओं में केस दर्ज किया है और उसमें क्या-क्या आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद कानूनी सलाह ली जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया जल्द-से-जल्द पूरी कर केस दर्ज करने की कोशिश की जाएगी।