भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसा है . ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद उन पर एफआईआर दर्ज हुई है. ऐसे में राकेश टिकैत ने कहा कि वो अपराधी नहीं हैं, वो सरेंडर नहीं करेंगे. टिकैत ने कहा, ‘किसानों का आंदोलन जारी रहेगा. लाल क़िले पर किसने हिंसा फैलाई इसकी जांच हो, सुप्रीम कोर्ट इसकी जांच करे.’
टिकैत ने कहा, ‘हम बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन धरनास्थल खाली नहीं होगा. गिरफ्तारी के बाद मेरे और मेरे साथियों के साथ क्या होगा ये मुझे पता है. गोली चलेगी तो गोली खाएंगे.’ उन्होंने धमकी दी है कि अगर धरना खत्म हुआ तो मैं यहीं पर फांसी लगा लूंगा. बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है, टिकैत का कहना है कि यहां अगर कोई गड़बड़ी होती है तो ये पूरी तरह से प्रशासन की जिम्मेदारी होगी. किसान नेता ने कहा कि हमारा खाना-पानी बंद कर दिया गया है. मैं यहां न खाना खाऊंगा और न पानी पीऊंगा, गांव से पानी आएगा तब ही पीऊंगा.
वहीं, गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस के आला अधिकारी पहुंचे हुए हैं. यहां भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती कर दी गई है. यूपी पुलिस का कहना है कि टिकैत प्रशासन की बात नहीं मान रहे हैं. गिरफ्तारी की कोशिश की गई लेकिन उन्हें पकड़ा नहीं जा सका.
गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी में जो हुआ उससे देशभर में गुस्सा है. जो लोग अब तक किसानों का साथ दे रहे थे, तिरंगे के अपमान के बाद से वो भी बेहद नाराज हैं. बॉर्डर खाली कराने के लिए लोग किसानों के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं. गाजियाबाद बॉर्डर पर आसपास के लोगों ने किसानों के खिलाफ हंगामा शुरू कर दिया है. किसानों और लोगों में बहस शुरू हो गई है. यहां तिरंगे के अपमान और ट्रैफिक जाम का मुद्दा गरमाया हुआ है.
उधर, किसानों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा एक्शन लेने का फैसला कर लिया है. योगी सरकार ने एनसीआर समेत अलग-अलग जिलों में चल रहे किसानों के धरने को खत्म कराने के निर्देश दे दिए हैं. जिसके बाद गाजियाबाद के डीएम ने किसानों को बॉर्डर खाली करने का अल्टीमेटम जारी कर दिया. उन्हें आज रात तक बॉर्डर खाली करने को कहा गया है.