गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान कब, कहां और क्या हुआ? सिलसिलेवार तरीके से जानिए मंगलवार को दिल्ली में घटित हुईं पूरी घटना।

  कब क्या हुआ?

  • किसानों ने दिल्ली पुलिस के साथ बनी सहमति का पालन नहीं किया और निर्धारित समय से करीब साढ़े तीन घंटे पहले परेड की शुरुआत कर दी। किसानों ने तय रूट को फॉलो नहीं किया। सबसे पहले सिंघु बॉर्डर से किसान दिल्ली में दाखिल हुए। यहां बैरिकेड्स तोड़ दिए गए। ट्रैक्टरों पर सवार किसानों की तादाद और तेवर देखकर पुलिस भी यहां से पीछे हट गई।
  • पुलिस ने दोपहर  12.30 बजे गाजीपुर बॉर्डर से निकले किसानों को नोएडा मोड़ पर रोक दिया और आंसू गैस के गोले छोड़े। किसानों ने भी पुलिस पर पथराव किया और गाड़ियों में तोड़फोड़ की। इसी जगह पर निहंगों का जत्था तलवार लहराता भी नजर आया।
  • प्रदर्शनकारी किसानों ने ट्रैक्टर परेड का रुख इंडिया गेट की तरफ मोड़ने की कोशिश की। यहीं पर पुलिस ने उन्हें रोका। किसान नहीं माने तो लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे। कई पुलिसवाले और आंदोलनकारी भी घायल हुए। यहां बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे एक आंदोलनकारी की ट्रैक्टर पलटने से मौत हो गई। मृतक किसान उत्तराखंड के बाजपुर का रहने वाला नवनीत था। वह हाल में ही शादी के लिए ऑस्ट्रेलिया से भारत आया था। किसान नवनीत का शव रखकर शाम 6 बजे तक यहीं पर धरना देते रहे।
  • सिंघु बॉर्डर से चले किसान लाल किले की ओर बढ़े। दोपहर करीब दो बजे हजारों किसान जबरदस्ती लाल किले के भीतर दाखिल हुए। यहां प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ हाथापाई की, तोड़फोड़ मचाई और फिर प्राचीर पर चढ़ गए। हल्लागुल्ला और हंगामे के बीच एक युवक दौड़ता हुआ आगे बढ़ा और उसने उस पोल पर चढ़ कर खालसा पंथ का झंडा लगा दिया। यहीं पर प्रधानमंत्री हर साल हर साल 15 अगस्त को तिरंगा फहराते हैं।
  • किसानों के आईटीओ (ITO) और सेंट्रल दिल्ली में किसानों के दाखिल होने के बाद तिलक ब्रिज रेलवे स्टेशन पर भी ट्रेनें करीब दो घंटे तक रोक दी गईं। इसके बाद जामा मस्जिद, दिलशाद गार्डन, झिलमिल, मानसरोवर पार्क मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए। ग्रे लाइन पर भी चार मेट्रो स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट गेट बंद कर दिए गए। इनके अलावा इंद्रप्रस्थ, समयपुर बादली, रोहिणी सेक्टर 18/19, हैदरपुर बादली मोर, जहांगीरपुरी, आदर्शनगर, आजादपुर, मॉडल टाउन, जीटीबी नगर, विश्वविद्यालय, विधानसभा और सिविल लाइन मेट्रो स्टेशन करीब दो घंटे तक बंद रहे। हिंसा के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में इंटरनेट सर्विस भी कुछ वक्त के लिए रोक दी गई।
  • किसान मंगलवार सुबह साढ़े आठ से शाम साढ़े पांच बजे तक जहां-जहां पहुंचे, वहां-वहां हंगामा किया।
  • संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि कानून हमारी ओर से नहीं तोड़ा गया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 32 किसान संगठन ट्रैक्टर परेड के लिए पुलिस की ओर से तय किए रूट पर ही चल रहे थे। हम जानते हैं कि कौन रुकावट डालने की कोशिश कर रहा है। ये उन राजनीतिक दलों के लोग हैं, जो आंदोलन को बदनाम करना चाहते हैं।
  •  दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि ट्रैक्टर रैली का समय और रूट कई दौर की बातचीत के बाद तय किया गया था, लेकिन, किसानों ने वक्त से पहले ही रैली शुरू कर दी और तय रूट से बाहर ट्रैक्टर ले गए। इसके चलते हिंसा फैली, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here