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अमेरिका में कोरोना वायरस से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या 2.5 करोड़ के पास पहुंच गई है। यहां आज से 367 दिन पहले यानी 20 जनवरी 2020 को इस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। अमेरिका में कोरोना से संक्रमित पाय गया शख्स चीन के वुहान से घर लौटा था। यह शख्स सिएटल के एक क्लिनिक में इलाज के लिए पहुंचा था। यहीं से अमेरिका में इस महामारी की शुरुआत हुई।

अफसरों ने देश में वायरस की एंटी की घोषणा करते हुए लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा था, लेकिन उस समय अफसरकों मानना था कि लोगों को इससे कोई खतरा नहीं होगा। इसके बाद अमेरिका में धीरे-धीरे मरीजों की संख्या बढ़ने लगी। मौजूदा समय अमेरिका इस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित होने तथा सबसे ज्यादा मौतों में दुनिया में पहले नंबर पर है। दुनियाभर में मिले इस संक्रमण के मामलों में अमेरिका की हिस्सेदारी 25% है। यहां पर कोरोना के नए वैरिएंट का बड़ा खतरा बढ़ने की भी आशंका है।

चीन के वुहान से लौटा शख्स वॉशिंगटन की नोहोमिश काउंटी का रहने वाला था। इसी से संक्रमितों को आइसोलेट करने और कॉन्टैक्ट में आए लोगों की ट्रेसिंग की शुरुआत हुई। इसके बाद चीन से आए दूसरे लोगों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आने लगीं। जीनोमिक सीक्वेंसिंग ने दिखाया कि वायरस की नई ब्रांच ने अमेरिका के ईस्ट कोस्ट में जड़ें जमा ली हैं।

सिएटल फरवरी 2020 के आखिर तक वायरस का इपिकसेंटर बन गया। जीनोमिक सीक्वेंसिंग से ही पता चला कि पहला मरीज, जो अब 36 साल का है, वायरस की उस ब्रांच का हिस्सा था जो पूरे एरिया में फैल गई थी।

 

अमेरिका में पहले पांच हफ्तों में कोरोना वायरस के महज 45 मामले सामने आए थे। इस दौरान एक भी मरीज की मौत नहीं हुई थी। वहीं, पिछले पांच हफ्तों में यहां 70 लाख से ज्यादा केस मिले हैं। इस दौरान लगभग एक लाख लोगों की जान चली गई।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी कोरोना से नहीं बच पाए। साथ ही उनकी पत्नी मेलानिया ट्रम्प भी पॉजिटिव पाई गई थीं। ट्रम्प चुनाव की वजह से लगातार सफर कर रहे थे। दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट से 13 दिन पहले उनकी रिपोर्ट आई। इसके बावजूद भी वे मास्क पहनने वालों का मजाक उड़ाते रहे।

  • लगभग 2.5 करोड़ करोड़ लोग प्रभावित हुए
  • 4.10 लाख लोगों की मौत हुई
  • 14.90 से लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए

 

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