टेलीविजन रेटिंग पाइंट (टीआरपी) घोटाले के आरोपी बार्क के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी पार्थो दासगुप्ता की जमानत याचिका खारिज हो गई है। उन्हें मुंबई की क्राइम ब्रांच पुलिस ने पिछले महीने पुणे से गिरफ्तार किया था।
पार्थो दासगुप्ता की जमानत अर्जी खारिज करते हुए सत्र अदालत ने कहा कि अभियुक्त के खिलाफ प्रथम दृष्टया साक्ष्य हैं। दासगुप्ता को मुंबई पुलिस ने 24 दिसंबर को गिरफ्तार किया था, वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में है। विशेष सरकारी वकील (एसपीपी) शिशिर हिरे ने यह कहते हुए जमानत याचिका का विरोध किया कि दासगुप्ता ने व्यक्तिगत लाभ के लिए बार्क के सीईओ के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया था। उन्होंने कहा कि दासगुप्ता का आचरण ने “पद की गरिमा को दागदार बना दिया।”
उन्होंने दासगुप्ता और रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी के बीच कथित रूप से आदान-प्रदान की गई चैट का काफी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि गोस्वामी और दासगुप्ता ने रिपब्लिक टीवी चैनलों की टीआरपी में हेराफेरी की थी।
दासगुप्ता की ओर से पेश अधिवक्ता शार्दुल सिंह ने अदालत को सूचित किया कि उनके मुवक्किल की तबीयत नाजुक है और अगर जेल में रहना जारी रहता है तो उनका मधुमेह कोमा की ओर ले जायेगा। श्री सिंह ने दोहराया कि बार्क में सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय बोर्ड था और दासगुप्ता उस बोर्ड के सदस्य नहीं थे।
उन्होंने यह भी कहा कि अन्य आरोपियों को जमानत दी गई है, और कुछ को अग्रिम जमानत भी दी गई है, हालांकि तब जांच कथित तौर पर प्रारंभिक चरण में थी, और उन आदेशों में से किसी को भी चुनौती नहीं दी गई ।
आपको बता दें कि मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने टीआरपी घोटाले में दासगुप्ता की जमानत खारिज कर दी थी। जिसके बाद उन्होंने सत्र अदालत में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। सत्र अदालत ने भी उनकी जमानत याचिका रद्द कर दी है।