मोदी सरकार अपने बनाए तीनों कृषि कानूनों पर घिरती जा रही है. इसके विरोध में किसान संगठन दिल्ली सीमा पर धरना दे रहे हैं. उनकी मांग है कि इन कानूनों को रद्द किया जाए. अब किसानों ने ऐलान किया की वे गणतंत्र दिवस पर दिल्ली और एनसीआर में ट्रैक्टर रैली निकालेंगे. ट्रैक्टर रैली पर रोक के लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) ने कहा कि हम सुनवाई उसी बेंच में करेंगे जिसने पहले मामला सुना है. सीजेआई ने यह भी कहा है कि यह विषय पहले पुलिस को देखना चाहिए, हम पहले फैसला नहीं लेंगे. उन्होंने कहा कि ये पुलिस का काम है कि किसे दिल्ली में एंट्री देनी है और किसे नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैक्टर रैली पर आज कोई आदेश देने से साफ इनकार कर दिया है. सीजेआई ने वकील एपी सिंह से कहा कि दिल्ली में कौन आएगा, कौन नहीं ये पुलिस तय करेगी. हम पहली अथॉरिटी नहीं हैं. एपी सिंह ने राम लीला मैदान में प्रदर्शन की इजाजत मांगी थी. सीजेआई ने अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल को कहा कि आप ये क्यों चाहते हैं कि आपको कोर्ट से आदेश मिले. आप अपने अधिकारों का इस्तेमाल करें. सीजेआई ने कहा कि हमने पहले भी कहा है कि दिल्ली में प्रवेश की इजाजत की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की है. सीजेआई ने कहा कि यह कानून व्यवस्था का मामला है यह पुलिस को देखना है.
दरअसल, किसान आंदोलन गणतंत्र दिवस पर किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के खिलाफ सरकार की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. सोमवार को सीजेआई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने सुनवाई की. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली पर रोक की मांग की थी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. अब मामले की अगली सुनवाई बुधवार होगी.