मंगल टीका… दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का भारत में हो गया आगाज, मोदी ने कहा- ‘मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है’

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PM Narendra Modi NYPF

प्रखर खबर. नई दिल्ली
इंतजार की घड़ियां आखिरकार समाप्त हो गईं। कोरोना पर फतह पाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का आगाज शनिवार को किया। सुबह साढ़े दस बजे अस्पतालों की रौनक देखते ही बन रही थी। इससे पहले आज तक अस्पतालों में यह नजारा शायद ही किसी ने देखा होगा। आम तौर पर अस्पताल आने वालों के चेहरे पर प्रश्नचिह्न होता है। बदहवासी की लकीरें होती हैं, लेकिन आज खुशियों का माहौल रहा, तालियों की गड़गड़ाहट रही।

दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने संयम के बल पर यह मुकाम हासिल किया है। पूरे देश को इस पल का बेसब्री से इंतजार था। कोरोना की वैक्सीन बहुत ही कम समय में आ गई है। कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सबकी जुबान पर ये ही सवाल था कि कोरोना की वैक्सीन कब आएगी। अब भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पक्तियां ‘मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है’ का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज लेना बहुत जरूरी है। कहीं ऐसा ना हो कि एक डोज ले लिया और दूसरी डोज भूल गए। पीएम मोदी के संबोधन को सभी टीकाकरण केंद्रों से कनेक्ट किया गया। केंद्र सरकार के मुताबिक, पहले दिन कुल 3006 वैक्सीनेशन सेंटर्स पर तीन लाख से ज्यादा हेल्थ वर्कर्स को पहली डोज दी जानी है।

मोदी ने वैक्सीन को लेकर देशवासियों को किसी भी तरह की अफवाहों से बचने को कहा। उन्होंने कहा कि भारत के वैज्ञानिकों और वैक्सीन से जुड़ी विशेषज्ञता पर पूरी दुनिया को भरोसा है। भारतीय वैक्सीन विदेशी वैक्सीनों की तुलना में बहुत सस्ती है। इनका उपयोग भी बहुत आसान है। पीएम ने कहा कि विदेश में ऐसी वैक्सीन है, जिनकी कीमत 5000 रुपये तक है।
भारत में ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन जिसे यहां पर सीरम इंस्टिट्यूट ने डिवेलप किया है, उसे अप्रूवल मिला है। यह वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ नाम से उपलब्ध है। इसके अलावा भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ भी लोगों को दी जाएगी। दोनों को सुरक्षा के मानकों पर सुरक्षित और असरदार पाया गया है। ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ की 1.65 करोड़ डोज में से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को हेल्थ वर्कर्स की संख्या के हिसाब से अलॉट किया गया है।

एक नजर इस अभियान की
-सरकार के मुताबिक, सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले करीब दो करोड़ कर्मियों और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी।
-बाद के चरण में गंभीर रूप से बीमार 50 साल से कम उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन होगा। हेल्थवर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स पर वैक्सीनेशन का खर्च सरकार वहन करेगी।
-पहले दिन कुल 3006 वैक्सीनेशन सेंटर्स पर तीन लाख से ज्यादा हेल्थ वर्कर्स को पहली डोज दी जाएगी।
– योजना के अनुसार, हर सेंटर पर एक दिन में औसतन 100 लोगों का कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी।
-देशभर के अस्पतालों में खास तैयारियां की गई हैं। कई अस्पतालों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है।
-अनेक स्थानों पर अस्पतालों के स्टाफ वैक्सीन लगवाने वालों के लिए मिठाइयां लेकर खड़े रहे।

इन्हें पहले टीका
टीकाकरण अभियान की शुरुआत देश भर में एक साथ की गई, लेकिन राजस्थान में जयपुर के सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य सुधीर भंडारी को सबसे पहले टीके की खुराक दी गई।

राज्यों से खबरें
-दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “हमने केंद्र सरकार से पूरे देश के लोगों को मुफ्त में वैक्सीन देने की अपील की है, अगर केंद्र सरकार मुफ्त में वैक्सीन नहीं देती है और अगर जरूरत पड़ती है, तो हम दिल्ली के लोगों को मुफ्त में वैक्सीन उपलब्ध कराएंगे।”
-पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य सरकार सभी लोगों के लिए फ्री कोविड वैक्सीन मुहैया कराने का इंतजाम कर रही है। प्राथमिकता के आधार पर हेल्थ वर्कर्स के अलावा पुलिस, होमगार्ड्स, सिविल डिफेंस वालंटियर्स, करेक्शनल होम ऐंड डिजास्टर मैनेजमेंट कर्मचारियों को वैक्सीन दी जाएगी।

पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धा ने कहा, “न सिर्फ सरकारी कर्मचारियों, बल्कि जो भी अस्पताल आएगा, उसे वैक्सीन मुफ्त में मिलेगी।” राज्य में 1.60 लाख हेल्थ वर्कर्स हैं। पंजाब को 2.04 लाख डोज मिल चुकी हैं।
बिहार में सीएम बनने के बाद नीतीश कुमार सरकार ने 16 दिसंबर को राज्य के सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। यह फैसला कैबिनेट की पहली बैठक में हुआ था। उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया था कि सत्ता में आने पर सबको कोरोना वैक्सीन मुफ्त में देंगे।

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने अक्टूबर में कहा था कि राज्य के सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन दी जाएगी। बिहार में फ्री वैक्सीन के वादे के बाद आलोचना होने पर सिंह ने यह बयान दिया था।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 22 अक्टूबर को ही मुफ्त कोरोना वैक्सीन की घोषणा कर दी थी। हालांकि यह ट्वीट अब डिलीट कर दिया गया है। बाद में उन्होंने कहा कि राज्य में हर गरीब को मुफ्त वैक्सीन मिलेगी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने भी राज्य में सबको मुफ्त वैक्सीन पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले फेज में हेल्थकेयर वर्कर्स के अलावा, फ्रंटलाइन वर्कर्स, पुलिस, सीनियर सिटिजंस और को-मॉबिडिटीज वालों को कवर किया जाएगा।

केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने भी दिसंबर में सभी को मुफ्त कोरोना वैक्सीन की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार सबको मुफ्त में वैक्सीन बांटेगी। कोई फीस नहीं ली जाएगी।
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