नई दिल्ली: भारतीय रेल लेट लतीफी के लिए जाना जाता है। आमतौर पर तयशुदा वक्त पर ट्रेनें नहीं पहुंच पाती हैं. इस दिशा में सुधार के लिए रेल मंत्रालय लगातार काम कर रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार (29 दिसंबर) को सुबह 11 बजे पूर्वी समर्पित मालवहन गलियारा (ईडीएफसी) के न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा खंड का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ करेंगे। बताया जा रहा है कि इससे ट्रेनों की लेट लतीफी में फायदा मिलेगा। पीएम इसके साथ ही प्रयागराज में ईडीएफसी के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का भी उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहेंगे।
ईडीएफसी के प्रवक्ता ने बताया कि 351 किलोमीटर लंबे न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा खंड के निर्माण में 5,750 करोड़ रुपये की लागत आयी है। इस खंड पर रेलों का आवागमन शुरू होने से नयी दिल्ली-कानपुर मुख्य लाइन पर यातायात पर दबाव कम होगा और भारतीय रेलवे को और तेज गति की ट्रेनें चलाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही एल्युमीनियम उद्योग (कानपुर देहात जिले का पुखरायां क्षेत्र), डेयरी क्षेत्र (औरैया जिला), कपड़ा उत्पादन / ब्लॉक प्रिंटिंग (इटावा जिला), कांच के बने पदार्थ उद्योग (फिरोजाबाद जिला), मिट्टी के बर्तनों के उत्पाद (बुलंदशहर जिले के खुर्जा), हींग उत्पादन (हाथरस जिला) और ताले और हार्डवेयर (अलीगढ़ जिला) जैसे स्थानीय उद्योग वाले क्षेत्रों के विकास के नये मौके सामने आयेंगे।
उन्होंने बताया कि प्रयागराज में एक अत्याधुनिक ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर ईडीएफसी के पूरे रूट के कमांड सेंटर के रूप में कार्य करेगा। आधुनिक आंतरिक सज्जा और एर्गोनोमिक डिज़ाइन से परिपूर्ण यह सेंटर विश्व स्तरीय संरचनाओं में से एक है। यह भवन ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग के साथ पर्यावरण के अनुकूल है और इसे ’सुगम्य भारत अभियान’ के मानदंडों के अनुसार बनाया गया है।
आपको बता दें कि भारतीय रेलवे की 1856 किलोमीटर लंबाई वाली महत्वाकांक्षी परियोजना ईडीएफसी का रूट पंजाब में लुधियाना के पास साहनेवाल से शुरू होकर हरियाणा , उत्तर प्रदेश , बिहार और झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल के दानकुनी में समाप्त होगा। इसका निर्माण डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) कर रहा है।