पीएम मोदी का आज रविवार (27 दिसंबर) को मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ का प्रसारण हुआ. ये कार्यक्रम इस साल की आखिरी कड़ी थी. इस बीच किसानों ने एक अलग ही तरह से अपना विरोध दर्ज कराया. पीएम ने जैसे ही ‘मन की बात’ शुरू की, वैसे ही किसानों ने ताली और थाली बजाना आरम्भ कर दिया. दिल्ली की सीमा पर नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान पहले ही घोषणा कर चुके थे कि वह पीएम नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ का विरोध थाली और ताली बजाकर करेंगे. आपको बता दें कि किसान पिछले एक महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. 6 दौर की सरकार के साथ वार्ता भी हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकला.
किसानों ने आंदोलन के बीच ‘मन की बात’ के दौरान बर्तन बजाये. दिल्ली के शाहजहांपुर हाईवे और सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने मार्च निकाला और थाली बजाई. किसान अलग-अलग बर्तन लिए हुए थे. किसानों ने इस दौरान नारेबाजी भी की. किसानों ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम का इसी तरह विरोध किया. स्वराज इंडिया के योगेन्द्र यादव इसमें शामिल हुए. योगेंद्र यादव ने कहा कि मन की बात के शोर को दबाने के लिए हम थाली बजा रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कोरोना वायरस महामारी, आत्मनिर्भर, वोकल फॉर लोकल और तेंदुए एवं शेरों की बढ़ती आबादी का जिक्र किया. हालांकि, उन्होंने करीब 30 मिनट के अपने भाषण में किसानों के मुद्दे पर कोई बात नहीं की. प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2020 में चुनौतियां खूब आईं. संकट भी अनेक आए. कोरोना के कारण दुनिया में सप्लाई चेन को लेकर अनेक बाधाएं भी आईं, लेकिन, हमने हर संकट से नया सबक लिया.”