दिल्लीः तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज एक महीना हो गया है। इस मुद्दे पर सरकार तथा किसानों के बीच छह दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक बात नहीं बनी है। सरकार ने किसानों बातचीत के लिए फिर आमंत्रित किया है। प्रदर्शनकारी किसान सरकार की नई चिट्ठी पर किसान आज फैसला ले सकते हैं। सरकार की तरफ से गुरुवार को चिट्ठी लिखी गई थी, जिसमें किसान नेताओं से बातचीत के लिए तारीख और समय तय करने के लिए कहा गया है। उधर किसान हरियाणा में आज से तीन दिन तक टोल फ्री कराएंगे।
केंद्र सरकार की ओर से किसानों को 8 दिन में तीसरी चिट्ठी लिखी गई है। इस चिट्ठी में सरकार ने कहा है कि तीनों कानूनों का एमएसपी (MSP) यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सरकार की ओर से चिट्ठी में कहा गया है कि वह इस पर लिखित भरोसा देने को तैयार हैं, लेकिन इस बारे में कृषि कानूनों से अलग नई मांग रखना ठीक नहीं।
वहीं किसान नेता सरकार पर ढूलमूल रवैया अपनाने का आरोप लगा रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकार अभी भी गोलमोल बातें कर उलझा रही है। वह किसानों को दो गुटों में बांटने के लिए अलग-अलग मीटिंग करना चाहती है, जो हमें मंजूर नहीं। कोई ठोस फैसला न होने पर देशभर में आंदोलन और तेज किया जाएगा।
प्रदर्शनकारी किसानों मांगें पूरी नहीं होती देख मलोट, संगरूर, फिरोजपुर, मोगा, पट्टी, छेहरटा समेत कई जगहों पर गुरुवार को रिलायंस जियो के टावरों के बिजली कनेक्शन काट दिए। हरियाणा में सिरसा के गांव गदराना में भी टावर की बिजली काटी गई। वहीं, प्रदर्शनकारी किसानों ने जींद के उचाना में डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला के लिए बने हेलीपैड को खोद दिया और वहां पर काले झंडे लगा दिए। किसानों के विरोध के मद्देजर चौटाला का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।
इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी आज पीएम किसान यानी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 7वीं किश्त जारी करेंगे। पीएम मोदी देश के 9 करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपए की किश्त ट्रांसफर करेंगे। यानी प्रत्येक किसान के खाते में दो-दो हजार रुपए जाएगा। इस दौरान मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छह राज्यों के किसानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद भी करेंगे। इस कार्यक्रम शामिल होने के लिए 22 दिसंबर तक देशभर के दो करोड़ किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है। इस कार्यक्रम में अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री भी शिरकत करेंगे। मुख्यमंत्री अलग-अलग जगहों पर किसानों के साथ बैठकर इस कार्यक्रम को लाइव देखेंगे। साथ ही भाजपा शासित राज्यों के मंत्री और केंद्रीय मंत्रियों का भी अपने क्षेत्र में किसानों के साथ बैठकर इस कार्यक्रम को लाइव देखेंगे।