नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को कृषि कानूनों पर खुली बहस की चुनौती देते हुए कहा कि केंद्र किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है जो अपने ‘राजनीतिक आकाओं’ की ओर से गुमराह किये गये हैं। श्री जावडेकर ने माराईमलैनगर उपनगर में पीएम किसान योजना पर एक समारोह में किसानों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने किसानों के डर को दूर किया और आश्वासन दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) की व्यवस्था जारी रहेगी।
कृषि कानूनों की आलोचना के लिए श्री गांधी पर कटाक्ष करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह (राहुल) एक पखवाड़े में एक बार (सार्वजनिक रूप से) प्रकट होते हैं। यदि उनमें (श्री गांधी में) हिम्मत है तो तीनों कृषि कानूनों पर खुली बहस के लिए आ जायें। उन्होंने कहा कि कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार मजबूती से किसानों और जनता के पीछे खड़ी रहेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे ‘कुछ’ किसानों को उनके ‘राजनीतिक आका’ गुमराह कर रहे हैं और ऐसी तस्वीर पेश कर रहे हैं, मानो देश भर के किसान उनके साथ हैं।
श्री जावडेकर ने कहा कि पंजाब के किसानों ने पूर्व की कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन शासन की तुलना में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कार्यकाल में एमएसपी के दोगुना से अधिक दाम हासिल किये हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों की आय पहले ही दोगुनी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद वे लोग आंदोलन कर रहे हैं क्योंकि उन्हें गुमराह किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि करीब एक माह से चल रहे किसानों का आंदोलन पूरे देश में गहन चर्चा का विषय बन गया है क्योंकि ‘कुछ’ किसान और उनके राजनीतिक आकाओं ने दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में विरोध प्रदर्शन शुरू किया है तथा यह दर्शाने की कोशिश की है जैसे कि यह अखिल भारतीय घटना हो तथा भारत के किसानों के हित में हो।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “ लेकिन हर जगह के किसान तीनों कृषि कानूनों से खुश हैं तथा किसानों के कल्याण की सभी योजनायें जारी रहेंगी।”
श्री जावडेकर ने कहा कि पंजाब में किसानों को ‘जानबूझकर गुमराह’ किया गया है कि वे तीन कानूनों के कारण एमएसपी को खो देंगे जो मौजूदा आंदोलन की वजह है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात और मध्यप्रदेश में किसानों द्वारा कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया गया है क्योंकि उन्हें गुमराह नहीं किया जा सका है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here