Courtesy reuters

लंदनः 11 महीने चली चर्चा और आरोप-प्रत्यारोप के बाद आखिरकार यूरोपीय संघ तथा ब्रिटेन के बीच व्यापार को लेकर सहमति बन गई और दोनों ने ब्रेक्जिट के बाद के व्यापार समझौते पर मुहर लगा दी। इस समझौते को दुनिया के सबसे बड़े व्यापारिक समझौतों में से एक माना जा रहा है।

यह समझौता ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने से सात दिन पहले हुआ । इस मौके पर बोलते हुए यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इसे ‘उचित’ और ‘संतुलित’ समझौता करार दिया। उन्होंने कहा, “यह एक मुश्किल काम था, लेकिन हमने अच्छा समझौता कर लिया है। यह एक उचित तथा संतुलित समझौता है और दोनों पक्षों के लिए सही और जिम्मेदार है।”

वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि यह समझौता ब्रिटेन को अपना निर्णय स्वतंत्र तरीके से लेने की अनुमति देगा। उन्होंने कहा, “हमने अपने भाग्य को वापस ले लिया है, लोगों ने कहा कि यह असंभव है, लेकिन हमने नियंत्रण वापस ले लिया है। हम एक स्वतंत्र तटीय राज्य होंगे। हम यह तय करने में सक्षम होंगे कि नई नौकरियों को कैसे और कहां से उत्पन्न किया जाए।”

आइए आपको बतातें हैं कि ब्रेक्जिट क्या है। सीधे शब्दों में कहें तो यह ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने की एक प्रक्रिया है। ब्रिटेन ने साल भर पहले ही यूरोपीय संघ से बाहर जाने का ऐलान कर दिया था। यूरोपीय संघ से बाहर होने के मुद्दे पर 2016 में ब्रिटेन में जनमत संग्रह हुआ था, जिसमें वहां के लोगों ने बड़ी संख्या में ब्रेक्जिट को समर्थन दिया था। इस कारण तत्कालीन डेविड कैमरन सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था। पूर्व प्रधानमंत्री थेरेसा मे के कार्यकाल में भी कई बार ब्रेक्जिट ट्रेड डील को लेकर बातचीत हुई थी, लेकिन समझौता नहीं हो सका था। अब जाकर बोरिस जॉनसन के कार्यकाल में यह समझौता हुआ। इस तरह से ब्रिटेन 31 दिसंबर को यूरोपीय संघ से बाहर निकल जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here