दिल्ली सीमा पर हजारों किसान डटे हुए हैं. मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं. पंजाब-हरियाणा के अलावा दूसरे राज्यों के भी हजारों किसान बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. आंदोलन की रफ्तार तेज होती जा रही है. अब राजस्थान के किसानों ने ऐलान किया है कि वे 13 दिसम्बर को दिल्ली के लिए निकलेंगे. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने यह घोषणा की है. संगठन की बैठक में तय किया गया है कि किसान 12 दिसम्बर की रात कोटपूतली में एकत्रित होंगे और 13 दिसम्बर की सुबह सब एक साथ जयपुर-दिल्ली राजमार्ग के जरिए दिल्ली कूच करेंगे. किसानों के साथ ही मजदूरों और व्यापारिक संगठनों ने भी आन्दोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया है. किसान नेताओं ने कहा कि किसानों को अपने-अपने घरों से राशन और बिस्तर की व्यवस्था करके निकलना होगा. समन्वय समिति के पदाधिकारियों ने साफ कर दिया है कि उन्हें जहां रोका गया वे वहीं पर महाधरना देंगे.
आपको बता दें कि समन्वय समिति की बैठक में यह भी तय किया गया है कि 14 दिसम्बर को पूरे प्रदेश में धरना-प्रदर्शन कर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जाहिर किया जाएगा. वहीं पदाधिकारियों ने बीजेपी नेताओं पर भी कृषि कानूनों को भ्रम फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि प्रदेश के भाजपा नेताओं के घर पहुंचकर इस सम्बन्ध में उनसे जनता को भ्रमित ना करने की अपील की जाएगी. संगठन द्वारा भाजपा नेताओं के घरों का घेराव करने का आह्वान भी किया गया है.
किसान संघर्ष समन्वय समिति के पदाधिकारियों ने मीडिया को बताया कि अब तक अलग-अलग संगठनों ने अपने-अपने स्तर पर दिल्ली कूच किया है. लेकिन अब सभी किसान संगठन और दूसरे संगठन मिलकर एक साथ दिल्ली कूच करेंगे. समन्वय समिति में देश भर के 500 से ज्यादा संगठनों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है. समिति में शामिल प्रदेश के सभी संगठन एकजुट होकर केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे.