दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः भारत अमेरिका के बाद कोरोना वायरस की सर्वाधिक जांच करने वाला दूसरा देश में बन गया है। भारत में अब तक के साढ़े चार करोड़ से अधिक सैंपलों की कोविड-19 की जांच हुई है। वहीं पिछले 24 घंटे में देश में 11 लाख 72 हजार टेस्ट किए गए हैं, जो एक रिकार्ड है।यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता एवं सचिव राजेश भूषण ने तीन सितंबर को दी।
उन्होंने बताया कि भारत में कोरोना को मात देने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 29 लाख 70 हजार के करीब पहुंच चुकी है। उन्होंने बताया कि 02 सितंबर को सबसे अधिक 68,584 करोना मरीज ठीक हुए। उन्होंने बताया कि देश में अप्रैल माह में कोरोना जांच का आंकडा मात्र दस हजार प्रतिदिन था जो जून में बढ़कर 50 लाख हो गया था। उन्होंने बताया कि देश में अब तक साढ़े चार करोड़ लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है। देश में दो सितंबर को 11,72,180 टेस्ट किए गए थे। उन्होंने बताया कि देश में कोरेाना मरीजों के ठीक होने की दर में भी काफी इजाफा हो रहा है। मई माह में जहां यह आंकड़ा 50 हजार था , अगस्त के तीसरे हफ्ते में बढ़कर 20 लाख हो गया था और आज तक कोरोना से 29 लाख 70 हजार से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं।
देश में इस समय कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 8,15,538 है। भारत में प्रति दस लाख की आबादी कोरोना संक्रमण के 2,792 मामले हैं जबकि अमेरिका में यह आंकड़ा 18,900 और ब्राजील में 3,359 है। देश में जहां प्रति दस लाख आबादी पर 49 लोगों की कोरोना से मौत हो रही है, वहीं विश्व का औसत आंकड़ा 111 है और अन्य देशों में यह 500 से 600 प्रति दस लाख हैं।
उन्होंने बताया कि देश मे पांच राज्य ऐसे हैं जहां कोरोना के 62 प्रतिशत सक्रिय मामले देखे जा रहे हैं और इनमें से 25 प्रतिशत मामले अकेले महाराष्ट्र में हैं। उन्होंने बताया कि देश में दैनिक आधार पर कोरोना पाजिटिव पाए जाने वाले मरीजों का आंकडा 7.2 प्रतिशत है जबकि समग्र तौर पर यह आंकडा 8.4 प्रतिशत और साप्ताहिक तौर पर यह दर आठ फीसदी देखी जा रही है।
आईसीएमआर यानी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि देश में दूसरा सीरोलॉजिकल सर्वे शुरू हो चुका है और यह 50 जिलों में पूरा कर लिया गया है। इसके नतीजे अगले दो हफ्तों में सामने आ जाएंगे। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ समय में कोरोना मामलों और मौत की संख्या में बढ़ोत्तरी को लेकर उन्होंने कहा कि इस विषय पर विचार करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश पर स्वास्थ्य मंत्रालय दिल्ली सरकार के साथ विचार -विमर्श कर रहा है।