संवाददाता
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः माकपा यानी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद में 24 प्रतिशत की गिरावट सिर्फ कोरोना वायरस की वजह से नहीं, बल्कि मोदी सरकार के पिछले फैसलों की वजह आई है।
पार्टी पोलित ब्यूरो ने एक सितंबर को यहां कहा कि जीडीपी में अप्रत्याशित गिरावट नोटबंदी और जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर तथा दूरदर्शिता के अभाव में लिए गए लॉकडाउन के फैसले का परिणाम है। पार्टी ने कहा कि अर्थव्यवस्था संकट का मूल कारण लोगों की क्रय शक्ति में लगातार कमी और घरेलू मांग में आई गिरावट है। इसलिए यह संकट उत्पन्न हुआ है। इस समस्या को सार्वजनिक निवेश और रोजगार उपलब्ध किए बिना सुलझाया नहीं जा सकता है। पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार नव उदारवादी नीतियों का पालन करते हुए कॉर्पोरेट जगत द्वारा निजी निवेश और उन्हें करों में छूट की सुविधा दे रही है और इस तरह राष्ट्रीय संपत्ति को लूटने का मौका दे रही है। पार्टी ने कहा कि लोगों को नगद पैसे दे, सार्वजनिक निवेश में बढ़ोतरी करे और मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराये, तभी इस हालत में जनता को राहत मिल सकती है।