दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः अदालत की अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ 31 अगस्त यानी सोमवार को सजा सुनाएगा। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच भूषणसोमवार को सजा पर अपना फैसला सुनायेगी। कोर्ट ने इस मामले में सभी संबंधित पक्षों और याचिकाकर्ताओं की ओर से पूरी दलीलें और प्रस्तुतियां सुन ली हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 25 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था। इससे पहले जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने 14 अगस्त को अपने एक आदेश में श्री भूषण को अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया था।
आपको बता दें कि भूषण न्यायपालिका पर लगातार हमले कर रहे हैं। वह कोविड-19 महामारी में प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा से जुड़ी याचिकाओं पर शीर्ष अदालत के फैसलों के खिलाफ काफी मुखर रहे और उनकी तीखी आलोचना करते रहे। यह मामला 27 जून के उस ट्वीट से जुड़ा है जिसमें श्री भूषण ने लिखा था, “जब भविष्य में इतिहासकार यह देखने के लिए पिछले छह साल पर नजर डालेंगे कि कैसे आपातकाल की औपचारिक घोषणा के बिना भारत में लोकतंत्र को कुचल दिया गया तो वे इस बर्बादी में शीर्ष अदालत की भूमिका का विशेष जिक्र करेंगे और खासकर पिछले चार मुख्य न्यायाधीशों की भूमिका का।” साथ ही एक अन्य ट्वीट में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस एसए बोबडे तथा चार पूर्व चीफ जस्टिसों पर टिप्पणी की थी।