संवाददाता
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस से बिगड़ती स्थिति को संभालने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय एक्शन में आ गया गया है। मंत्रालय ने दिल्ली के निजी अस्पतालों में उपचार फीस में तीन गुना की कमी की है।
मंत्रालय ने इसके लिए नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल के नेतृत्व में एक समिति गठित की थी और इस संबंध में तीन दिन में रिपोर्ट मांगी थी। समिति को दिल्ली के निजी अस्पतालों में आइसोलेशन बेड, बिना वेंटिलेटर के आईसीयू और वेंटिलेटर के साथ आईसीयू में कोरोना के इलाज की दर समेत अन्य दिक्कतों के समाधान की सिफारिश करनी थी। डाॅ. पाल की गृहमंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है,जिसमें उन्होंने इलाज में बड़ी कटौती की सिफारिश की है, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है।
समिति ने पीपीई किट के साथ आइसोलेशन बेड के लिए आठ से 10 हजार, बिना वेंटिलेटर के साथ आईसीयू बेड का शुल्क 13 से 15 हजार और वेंटिलेटर के साथ आईसीयू बेड की फीस 15 से 18 हजार तय की है। पहले निजी अस्पतालों में आइसोलेशन बेड का चार्ज 24 से 25 हजार रुपये था। आईसीयू बेड का शुल्क 34 से 43 हजार और आईसीयू वेंटिलेटर के साथ 44 से 54 हजार रुपये के बीच था। इसके अलावा पीपीई किट के पैसे अलग वसूले जाते थे।इससे पहले दिल्ली में कोरोना की जांच का शुल्क भी 4500 रुपये से घटाकर 2400 रुपए कर दिया गया था। ।
इलाज | मौजूदा रेट | पहले का रेट |
आइसोलेशन बेड | 8,000-10,000 | 24,000-25,000 |
बिना वेंटिलेटर ICU बेड | 13,000-15,000 | 34,000-43,000 |
वेंटिलेटर के साथ ICU बेड | 15,000-18,000 | 44,000-54,000 |