बिजनेस डेस्क
दिल्लीः देश में जनवरी से मार्च की तिमाही के दौरान जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद 3.1 प्रतिशत रहा है। इस दौरान जीडीपी 2.2 प्रतिशत रहने का अनुमान था। पूरे साल की बात करें, तो जीडीपी की वृद्धि दर 4.2 फीसदी रही. जबकि अनुमान 4.4 प्रतिशत का था। इसी तरह ग्रास जीवीए यानी वैल्यू एडेड 3.9 प्रतिशत रहा है जबकि अनुमान 4.3 प्रतिशत का था।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा 29 मई को जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च 2020 को समाप्त चौथी तिमाही में विकास दर 3.1 प्रतिशत रही। हालांकि कोरोना के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण चौथी तिमाही के पूरे आंकड़े एकत्र नहीं किये जा सके हैं। बाद में पूरे वित्त वर्ष तथा चौथी तिमाही के आंकड़ों में संशोधन किया जायेगा। सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी 145.66 लाख करोड़ रहा, जो 2018-19 के 139.81 लाख करोड़ से 4.2 प्रतिशत अधिक है। चौथी तिमाही में जीडीपी 38.04 लाख करोड़ रहा जो 2018-19 की अंतिम तिमाही के 36.90 लाख करोड़ से 1.14 लाख करोड़ यानी 3.1 प्रतिशत अधिक है। वित्त वित्त वर्ष के दौरान सबसे कमजोर विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन इसकी विकास दर वित्त वर्ष 2018-19 के 5.7 प्रतिशत से घटकर 2019-20 में 0.03 प्रतिशत रह गई। कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की विकास दर में 6.1 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई और यह घटकर 1.3 प्रतिशत पर आ गई। इस दौरान खनन क्षेत्र में सर्वाधिक सुधार देखा गया। इसमें 2018-19 में 5.8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी, जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसकी वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत रही। कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन भी मजबूत रहा। इसकी विकास दर एक साल पहले के 2.4 प्रतिशत से बढ़कर 2019-20 में चार प्रतिशत पर पहुँच गई। लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवा क्षेत्र की विकास दर 9.4 प्रतिशत से बढ़कर 10 फीसदी हो गई।