प्रखर प्रहरी डेस्क

दिल्लीः देश में कुल कोरोना संक्रमितों के 70 प्रतिशत मामले सिर्फ सात राज्यों के 11 नगर निगमों में हैं। हालांकि इस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच थोड़ी सी राहत भरी बात यह है कि इस संक्रमम से ठीक होने वाले मरीजों की दर बढ़कर 41 प्रतिशत हो गई है।

इस वैश्विक महामारी के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, मध्यप्रदेश, दिल्ली,पश्चिम बंगाल और राजस्थान में देखे जा रहे है। इन राज्यों के 11 नगर निगम क्षेत्रों में देश में पाए जाने वाले कोविड-19 से संक्रमित कुल मरीजों के 70 प्रतिशत लोग हैं। इस मामले की समीक्षा करने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रति सूदन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी राजेश भूषण ने इन राज्यों के प्रधान स्वास्थ्य सचिवों, शहरी विकास मामलों के सचिवों , निगम आयुक्तों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े अधिकारियों के साथ 23 मई को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। बैठक में बताया गया कि इन निगम क्षेत्रों में कोरोना मामलों के दुगना होने की दर काफी अधिक हैं और यहां मृत्यु दर भी काफी अधिक देखी गई हैं। बैठक में इस बात पर विचार किया गया कि जिन क्षेत्रों में कोरोना के मामले अधिक पाए जा रहे हैं वहां लोगों के अधिक परीक्षण किए जाएं। उनके संपर्क सूत्रों का पता लगाकर उपयुक्त कंटेनमेंट रणनीति अपनाई जाए । ऐसे क्षेत्रों में कंटेनमेंट जोन और बफर जोन को स्पष्ट रूप से परिभाषित कर  कोरोना नियंत्रण उपाय किए जाए। बैठक में इस बात पर भी विचार किया कि ‘सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री इलनेस’और ‘इंफ्लएंजा लाइक इलनेस ’जैसे मामलों पर गंभीरता से विचार किया जाए। इस तरह के मामलों में अधिक से अधिक परीक्षण किए जाएं और जो लोग पाजिटिव पाएं जाते हैं उनका तत्काल उपचार किया जाए, ताकि मृत्यु दर में कमी लाई जा सके।

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