प्रखर प्रहरी डेस्कः

दिल्लीः कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने 21 मई को यहां राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की बैठक में चक्रवाती तूफान अम्फान के कारण प्रभावित हुए ओडिशा और पश्चिम बंगाल की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने दोनों राज्यों, संबंधित  केन्द्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों के अम्फान से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति, राहत तथा बचाव अभियान के बारे में विस्तार से चर्चा की।

इस दौरान ओड़िशा और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिवों ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा समय रहते की गई सटीक भविष्यवाणी  और एनडीआरएफ यानी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमों की तैनाती के कारण पश्चिम बंगाल में करीब पांच लाख और ओडिशा में लगभग दो लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में सफलता मिली। अधिकारियों का कहना है कि अम्फान की तीव्रता 1999 में ओडिशा में आये तूफान के बराबर ही है।

एडीआरएफ पश्चिम बंगाल में विशेष तौर पर कोलकाता में मरम्मत और सेवाओं की बहाली के लिए अतिरिक्त टीमें भेज रहा है। भारतीय खाद्य निगम पश्चिम बंगाल में जरूरी खाद्यान विशेष रूप से चावल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करेगा, जिससे बाढ़ वाले इलाकों में लोगों तत्काल राहत मिल सके। बिजली और दूरसंचार विभाग भी दोनों राज्यों में सेवाओं की बहाली के लिए कदम उठा रहा है। रेलवे भी ढांचागत नुकसान के बाद सेवाओं की बहाली की प्रक्रिया में जुटा हुआ है। पश्चिम बंगाल के सचिव ने बताया कि राज्य में कृषि, बिजली और दूरसंचार क्षेत्र में भारी तबाही हुई है। वहीं ओडिशा के सचिव ने बताया कि उनके यहां कृषि के क्षेत्र में बहुत अधिक नुकसान हुआ है।
इस दौरान गौबा ने अधिकारियों को दोनों राज्यों को हर संभव मदद करने का निर्देश दिया। उधर, केन्द्रीय गृह मंत्रालय इन दोनों राज्यों में नुकसान का आकलन करने के लिए केन्द्रीय दल भेजेगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई इस बैठक में दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों के अलावा गृह , रक्षा , रेल, नागरिक उडय्यन , पेट्रोलियम , ऊर्जा , दूरसंचार , इस्पात , स्वास्थ्य और स्वच्छ पेयजल मंत्रालय तथा अन्य एजेन्सियों के अधिकारियों ने भी में हिस्सा लिया।

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