संवाददाताः कांग्रेस ने सरकार पर कोरोना जांच के दिशा- निर्देशों में लचीला रुख अपनाने का आरोप लगाते हुए पूछा है कि पूरा टेस्ट किए बिना लाेगों को अस्पताल से घर भेजने का फैसला किस आधार पर लिया है।
पार्टी प्रवक्ता एवं महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने 13 मई को यहां संवाददाता को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने कोरोना टेस्टिंग किट बनाने का काम अहमदाबाद की सिर्फ एक कंपनी को दिया है जबकि इस समय देश की कई कंपनियों को यह काम मिलना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि संकट के समय एक ही कंपनी को यह काम देना संशय पैदा करता है, इसलिए सरकार को बताना चाहिए कि कोरोना टेस्ट करने के लिए किट बनाने का काम सिर्फ अहमदाबाद की कंपनी को ही क्यों दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश में कई कंपनियां इन किटों का निर्माण करने की इच्छुक है, लेकिन सरकार ने बिना निविदा मंगाए किट बनाने का काम सिर्फ एक ही कंपनी को सौंप दिया है, जो संदेह पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसी तरह से सरकार ने कोरोना टेस्ट के पहले के पैमाने को बदल कर मामूली टेस्ट के बाद लोगों को अस्पताल से घर भेजने  का फैसला किया है जिससे रोगियों की संख्या बढेगी और आने वाले समय में भारत कोरोना का प्रमुख केंद्र बन जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी यह नहीं बताया कि भारत कोरोना के किस स्तर पर है। सरकार को यह बताना चाहिए कि देश देश में कोरोना सामुदायिक संक्रमण स्तर पर है या अभी इस स्तर पर नहीं पहुंचा है।

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