संवाददाता

दिल्लीः  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में  मरीजों की संख्या बढ़ने से चिंतित हैं और उन्होंने कहा है कि दिल्ली में  फिलहाल लॉकडाउन में किसी की ढील नहीं दी जायेगी।
केजरीवाल ने 19 अप्रैल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली  में बडी संख्या में ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं, जिनमें कोरोना वायरस का कोई लक्षण नहीं दिखाई दे रहा है।  यह चिंताजनक स्थिति है और इसे ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन में किसी तरह की ढील नहीं देने का फैसला लिया है।  एक सप्ताह बाद स्थिति की समीक्षा की जायेगी और उस समय जो भी परिस्थितियां होंगी उसके मुताबिक  निर्णय लिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है, जो चिंताजनक  है। हालांकि दहशत में आने और घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि 18 अप्रैल को दिल्ली में 736 की जांच की गई और इसमें से 186 अर्थात 25 प्रतिशत पॉजिटिव पाये गये हैं जो बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सभी 11 जिले हॉटस्पॉट घोषित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि निजामुद्दीन स्थित मरकज में आयोजित तबलीगी जमात की भी सबसे अधिक मार दिल्ली को झेलनी पड़ रही है।
सीएम ने लोगों से  मौजूदा स्थिति में अनुशासन में रहकर और लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कर कोविड-19 को नियंत्रित करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना फैल रहा है और यदि लॉकडाउन नहीं होता तो स्थिति कितनी भयावह होती इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि  दिल्ली में 77 नियंत्रण जोन है और इनमें भी औचक परीक्षण में पाया गया की मामले बढ़े हैं। इन क्षेत्रों में भी लोग एक दूसरे के घरों में जा रहे हैं जिन इलाकों में लोगों ने पालन नहीं किया वहां मामले बढे हैं।    उन्होंने कहा कि विश्व के साधन संपन्न देशों में कोरोना के कहर की तस्वीर सबके सामने है और हमारे यहां लाकडाउन नहीं होता तो स्थिति क्या होती इसे कहने की जरूरत नहीं है। श्री केजरीवाल ने कहा की दिल्ली कोरोना की सबसे मुश्किल लड़ाई लड़ रहा है और राजधानी में विदेशों से सबसे अधिक लोग आये और इसकी वजह से भी कोरोना की बडी मार दिल्ली पर पड़ी है।  उन्होंने  कहा कि  दिल्ली में 26 मरीज आईसीयू में  और छह वेंटिलेटर पर हैं।

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