पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को समाज के सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के खिलाफ जनआंदोलन खड़ा करें।
सुश्री बनर्जी ने कोलकाता में सभा को संबोधित करते हुए उक्त बातें कही। मुख्यमंत्री बनर्जी सीएए के खिलाफ लगातार पांचवें दिन सड़क पर उतरीं और इसके विरोध में प्रदर्शन किया।
सुश्री बनर्जी ने कहा, “हमें राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रर (एनआरसी) और सीएए के खिलाफ लड़ना होगा। हमें इसके खिलाफ समूचे देश में प्रदर्शन करना है और हम इसमें सफल होंगे। बंगाल ने हमेशा प्रदर्शन का नेतृत्व किया है। सरकार ने आधी रात को विधेयक पारित कराया और उन्होंने ऐसा ही महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भी किया था।”
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार ने सीएए पर चर्चा करने का भी समय नहीं दिया। यह एक महत्वपूर्ण विधेयक था और इन लोगों ने इसे मध्यरात्रि में पास करवा दिया। यह लोग लोकसभा में बहुमत का दुरुपयोग कर रहे हैं। अगर सीएबी इतना अच्छा था तो प्रधानमंत्री ने इसके पक्ष में मतदान क्यों नहीं किया?”
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री संसद में मौजूद थे लेकिन फिर भी उन्होंने वोट नहीं किया। इसका मतलब है कि वह इस विधेयक का समर्थन नहीं कर रहे थे तो इसे वापस लिया जाए। केंद्र सरकार इस विधेयक को इसलिए लेकर आयी ताकि प्याज के दाम बढ़ने, उद्योग बंद होने और आर्थिक व्यवस्था चौपट होने की खबर को दबाया जा सके।”
सुश्री बनर्जी ने कहा, “आजादी के 73 वर्ष बाद यह लोग हमें नागरिकता साबित करने के लिए बोल रहे हैं। हम लोगों ने पिछले चुनाव में मतदान किया था। हम यहां के नागरिक हैं तभी हमने मतदान किया। जब भी कोई इनके खिलाफ आवाज उठाता है यह उसे देशद्रोही करार देते हैं। देश 1947 में आजाद हुआ और इनकी पार्टी 1980 में बनी। इन लोगों ने आजादी दिलाने में कोई योगदान नहीं दिया।”
उन्होंने लोगों से लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुकूल रहकर विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की।

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