बीजिंगः टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर की संभावना बढ़ गई है। अमेरिका ने चीन पर 50 प्रतिशत एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की धमकी दी है, तो चीन ने कहा है कि अगर ट्रेड वार हुआ, तो हम इसके लिए तैयार हैं।

आपको बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि अगर चीन अमेरिका पर लगाया गया 34% टैरिफ वापस नहीं लेता है, तो उस पर बुधवार से 50% एक्स्ट्रा टैरिफ लागू होगा।

इसे लेकर चीन ने कहा है कि हमारे ऊपर लगे टैरिफ को और बढ़ाने की धमकी देकर अमेरिका गलती के ऊपर गलती कर रहा है। इस धमकी से अमेरिका का ब्लैकमेलिंग करने वाला रवैया सामने आ रहा है। चीन इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। अगर अमेरिका अपने हिसाब से चलने की जिद करेगा तो चीन भी आखिर तक लड़ेगा।

इससे पहले चीन ने रविवार को साफ संदेश भेजा था, ‘अगर ट्रेड वॉर हुआ, तो चीन पूरी तरह तैयार है- और इससे और मजबूत होकर निकलेगा।’ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपल्स डेली ने रविवार को एक टिप्पणी में लिखा: ‘अमेरिकी टैरिफ का असर जरूर होगा, लेकिन ‘आसमान नहीं गिरेगा’।

2017 में अमेरिका की तरफ से पहली ट्रेड वॉर की शुरुआत के बाद से चाहे अमेरिका ने जितना भी दबाव डाला हो, हमने लगातार विकास किया है और आगे बढ़े हैं। हमने लचीलापन दिखाया है। जितना ज्यादा दबाव आता है, हम उतने ही मजबूत बनते हैं।

चीन के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और उपभोक्ता बाजार होने के नाते, चीन अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के बदलने के बावजूद दुनिया के लिए अपने दरवाजे खोलता रहेगा।’

चीन के वाणिज्य मंत्रालय के उपमंत्री लिंग जी ने रविवार को अमेरिका से फंडिंग पाने वाली 20 कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इनमें टेस्ला और GE हेल्थकेयर जैसी बड़ी कंपनियां शामिल थीं। लिंग ने चीन को निवेश के लिए एक ‘आदर्श, सुरक्षित और संभावनाओं से भरा हुआ’ स्थान बताया।

उधर, डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि मैंने चेतावनी दी थी कि कोई भी देश जो अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा, उसे तुरंत नए और काफी ज्यादा टैरिफ का सामना करना पड़ेगा, जो शुरुआत में तय किए गए टैरिफ से ज्यादा होंगे।

इसके अलावा हमारी चीन के साथ तय बैठकों को रोक दिया जाएगा और वो अन्य देशों, जिन्होंने बैठकों का अनुरोध किया है, उनसे बातचीत तुरंत शुरू हो जाएगी।

अमेरिका राष्ट्रपति ने किसी भी देश पर रेसिप्रोकल (जैसे को तैसा) टैरिफ को नहीं रोकेंगे। व्हाइट हाउस ने उन सभी खबरों को खारिज कर दिया है जिनमें दावा किया गया था कि ट्रम्प चीन को छोड़कर सभी देशों पर 90 दिनों तक रेसिप्रोकल टैरिफ रोकने पर विचार कर रहे हैं।

दूसरी तरफ, यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने सोमवार को कहा कि यूरोपीय यूनियन (EU) अमेरिका के साथ समझौते के लिए तैयार है। EU ने अमेरिका को इंडस्ट्रीयल प्रोडक्ट्स पर टैरिफ हटाने की पेशकश की है।

ब्रुसेल्स में बोलते हुए उर्सुला ने कहा कि इन टैरिफ की वजह से सबसे पहले अमेरिकी उपभोक्ताओं और व्यापारियों को भारी लागत उठानी पड़ती है, लेकिन इनका दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ता है।”

डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि ग्लोबल मार्केट में भारी गिरावट के बावजूद अमेरिका में कोई महंगाई नहीं है। उन्होंने पिछले अमेरिकी नेताओं पर आरोप लगाया कि उनकी गलत नीतियों की वजह से चीन जैसे देशों को अमेरिका का फायदा उठाने का मौका मिला।

दुनिया भर के बाजारों में जारी गिरावट पर बोलते हुए ट्रम्प ने कहा कि तेल की कीमतें कम हो गई हैं, ब्याज दरें घट गई हैं, फूड प्रोडक्ट्स की कीमतें घट गई है, कोई महंगाई नहीं है।

ट्रम्प ने यह भी कहा कि चीन उनकी चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए अमेरिका के खिलाफ टैरिफ में 34% वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि पहले से लागू टैरिफ से अमेरिका को हर हफ्ते अरबों डॉलर का राजस्व मिल रहा है।

इससे पहले ट्रम्प ने रविवार को अमेरिका और दुनियाभर के बाजारों में आई गिरावट पर कहा था कि ‘कभी-कभी किसी चीज को ठीक करने के लिए दवा लेनी पड़ती है।’

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि दूसरे देशों ने हमारे साथ बहुत बुरा बर्ताव किया, क्योंकि हमारा नेतृत्व मूर्खतापूर्ण था, जिसने ऐसा होने दिया।

वहीं, अमेरिका और दुनियाभर में ट्रेड मार्केट्स में मची उथल-पुथल पर ट्रम्प ने कहा, ‘बाजारों के साथ आगे क्या होगा, मैं नहीं कह सकता, लेकिन हमारा देश अब कहीं ज्यादा मजबूत है। मुझे मार्केट क्रैश से फर्क नहीं पड़ा है क्योंकि ये कुछ ही समय के लिए है। फिर सब नॉर्मल हो जाएगा।’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल को दूसरे देशों पर लगाया जाने वाला रेसिप्रोकल टैक्स का ऐलान किया था। इसमें भारत पर 26% टैरिफ लगाए जाने की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत बहुत सख्त है। मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं, लेकिन हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं।

भारत के अलावा चीन पर 34%, यूरोपीय यूनियन पर 20%, साउथ कोरिया पर 25%, जापान पर 24%, वियतनाम पर 46% और ताइवान पर 32% टैरिफ लगेगा। अमेरिका ने करीब 60 देशों पर उनके टैरिफ की तुलना में आधा टैरिफ लगाने का फैसला किया है।

 

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